सीएमएस के संस्थापक Dr. Jagdish Gandhi ने कहा कि मानव जाति की एकता में सबकी खुशी निहित है। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 20 मार्च 2012 को इस दिवस की स्थापना की गई। इस मौके पर डॉ. जगदीश गांधी ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व के सभी व्यक्तियों तथा बच्चों के जीवन में खुशहाली, एकता तथा शान्ति एवं समृद्धि लाना है।
Dr. Jagdish Gandhi शिक्षा से ही भविष्य सुरक्षित
विश्व में शांति एकता में ही खुशी है। हमारी धरती पर जब तक एकता का यह विचार नहीं फैलेगा तब तक विकास संभव नहीं है। एकता में ही मानव जाति का कल्याण है। जगदीश गांधी ने कहा पिछले 60 वर्षों से हम शिक्षा को फैलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा के माध्यम से ही न्यायप्रिय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास किया जा सकता है।
चिन्ता चिता के समान है
मनुष्य का जीवन सदैव से अनेक चिन्ताओं से ग्रसित रहा है। चिता तो मृत व्यक्ति को जलाती है, लेकिन चिंता की अग्नि जीवित व्यक्ति को ही जलाकर खाक कर देती है। इसलिए मनुष्य को चिन्ता नहीं करना चाहिए। हालांकि चिंताएं कई प्रकार की होती हैं जो कि जीवन का सुख-चैन समाप्त करने में लगी रहती हैं। इंसान का ध्यान जैसे- बच्चे, स्वास्थ्य, शिक्षा, कैरियर, भविष्य, पद, व्यवसाय, मुकदमा, शादी-ब्याह, मान-सम्मान, कर्जा, बुढा़पा आदि से जुड़ा रहता है। जिससे शरीर चिंताओं से ग्रसित होता है। नतीजा होता है कि व्यक्ति लक्ष्य तनाव, कुंठा, क्रोध, अवसाद, रक्तचाप, हृदय रोग आदि से ग्रसित होता है।
- चिंताओं से बुरी तरह ग्रसित व्यक्ति की अंतिम मंजिल आत्महत्या, हत्या या अकाल मृत्यु के रूप में प्रायः दिखाई देता है।
- ये दुःखदायी स्थितियां हमारे शारीरिक, भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक विकास में एक बड़ी बाधा बनती हैं।