दुनिया के महत्वपूर्ण वैश्विक मामलों में महत्पूर्ण भूमिका निभाते हुए निर्णय लेने और काम करने की क्षमता के मामले में ब्लूमबर्ग मीडिया समूह ने 16 देशों के नेताओं का आकलन किया है। इस लिस्ट में PM Modi छठे स्थान पर हैं।जिसमें सबसे ताकतवर कौन है, इसका आकलन दो तरह से किया जाता है। पहला आर्थिक ताकत और दूसरी सैन्य क्षमता के आधार पर। इन दोनों मापदंडों पर अमेरिका नंबर वन है, तो चीन दूसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। लेकिन जब अहम वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, गरीबी से लड़ने और शांति कायम करने की बात आती है तो यह देखना जरूरी हो जाता है कि दुनिया के कौन-से कद्दावर नेता इससे निपटने में सक्षम हैं।
- इसमें भारत के पीएम मोदी का नाम 6ठवें स्थान पर है।
- जिससे वह 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहे सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर PM Modi के समकक्ष नहीं है कोई नेता
वैश्विक स्तर पर देखा जाये तो 2014 में पीएम बनने वाले नरेंद्र मोदी का कद इतना बड़ा हो गया है कि कोई भी समकक्ष नेता उनकी बराबरी करता नजर नहीं आ रहा। लोगों के बीच उनकी गजब की लोकप्रियता को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 2019 में भी उनके नेतृत्व में सरकार बनेगी।
- लोग 2024 तक उनके प्रधानमंत्री बने रहने की प्रबल संभावना जता रहे हैं।
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 2014 से केंद्र की सत्ता में जीत की ओर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद एक के बाद दूसरे राज्यों में लगातार जीत हासिल करती रही है।
- वहीं विदेश के साथ देश में पीएम मोदी की लोकप्रियता का प्रभाव है।
मोहम्मद बिन सलमान
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सुल्तान इस सूची में पहले स्थान पर काबिज हैं। हालांकि अभी क्राउन प्रिंस हैं लेकिन प्रभावी ढंग से शासन कर रहे हैं। पिता किंग सलमान ने अपना वारिस घोषित कर दिया है।
- तेल इकोनॉमी के बाद के दौर की संकल्पना पेश कर रहे हैं।
- सऊदी अरब को वहाबी इस्लाम की जगह प्रगतिशील मुस्लिम स्टेट बनाने का सपना देख रहे हैं।
- इस कड़ी में दोस्त कम दुश्मन अधिक बना रहे हैं।
- लेकिन यदि स्वास्थ्य ने साथ दिया तो कम से कम 50 साल तक सत्ता में बने रह सकते हैं।
किम जोंग उन
यदि तख्तापलट या अमेरिका के साथ युद्ध नहीं होता तो अगले कई दशकों तक उत्तर कोरिया की सत्ता में बने रह सकते हैं।
शी जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति के अधिकतम दो बार चुने जाने की समयसीमा को चीन में खत्म कर दिया गया। लिहाजा अब उन पर बंदिश नहीं है और आजीवन राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।
- पिछले दिनों दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली है।
- उनका दूसरा कार्यकाल 2023 में खत्म होगा।
- उसके बाद ही उनकी योजनाओं के बारे में पता चलेगा।
व्लादिमीर पुतिन
18 साल से अपनी लोकप्रियता और काम के बदौलत सत्ता में काबिज व्लादिमीर पुतिन को पिछले दिनों चौथे कार्यकाल के लिए चुना गया है। वह 2024 तक सत्ता में बने रहेंगे। इन वर्षों में पुतिन ने यह साबित किया है कि वह रूस के निर्विवाद नेता हैं और उनके खिलाफ रूस में वास्तव में कोई विपक्ष नहीं है।
- संवैधानिक बाध्यता के कारण उनको 2024 में सत्ता से हटना होगा।
- लेकिन वह इस तरह की एक यथास्थितिवादी व्यवस्था बना सकते हैं।
- जिससे सत्ता से हटने के बाद भी पुतिन का शासन रूस में कायम रहे।
रेसेप तैयप एर्दोगन
ब्लूमबर्ग की सूची में पांचवें स्थान पर हैं। प्रधानमंत्री के बाद 2014 में तुर्की के पहले चुने हुए राष्ट्रपति बने। दो साल पहले इनके खिलाफ तख्तापलट की नाकाम कोशिश हुई।
- उसके बाद विरोध को पूरी तरह से कुचल दिया गया।
- 2019 में भी जीतने की पूरी संभावना है।
- यदि वह संवैधानिक नियमों को बदलने में सफल रहे।
- उसके बाद एक दशक तक सत्ता में बने रहने की संभावना है।
आंकलन में शामिल नेता
इनके अलावा सूची में अयातुल्लाह अली खामनेई (ईरान), इमैनुएल मैक्रों (फ्रांस), निकोलस मादुरो (वेनेजुएला), डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका), बेंजामिन नेतन्याहू (इजरायल), एंजेला मार्केल (जर्मनी), शिंजो एबे (जापान), एंजेला मर्केल (जर्मनी), टेरीजा मे (ब्रिटेन) और मिकेल तेमिर (ब्राजील) का नाम शामिल है।
रिपोर्ट—संदीप वर्मा