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अफगानिस्तान के हालात से क्षेत्रीय असुरक्षा बढ़ी

शंघाई सहयोग संगठन की 20वीं वर्षगांठ पर हुई मीटिंग में अफगानिस्तान का मुद्दा छाया रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अफगानिस्तान के मुद्दा उठाया साथ ही अफगानिस्तान के हालात और बढ़ते कट्टरवाद को खिलाफ शंघाई सहयोग संगठन से जरूरी कदम उठाने की बात पर जोर दिया।

एससीओ की मीटिंग में छाया रहा अफगानिस्तान का मुद्दा

दुशांबे में मौजूद रहे जयशंकर: शंघाई सहयोग संगठन की मेजबानी इस बार ताजिकिस्तान कर रहा है, मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर दुशांबे में मौजूद रहे। पीएम मोदी के अलावा रुस के राष्ट्रपति पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग भी वर्चुअली जुड़े। शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग पीएम मोदी के भाषण के साथ हुई।

पीएम मोदी ने उठाया अफगानिस्तान का मुद्दा: पीएम मोदी ने अपने भाषण में शंघाई सहयोग संगठन के नए सदस्य ईरान का स्वागत किया। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम चिंतित करने वाले हैं। पीएम ने कहा कि एक वक्त सेंट्रल एशिया में सुफीवाद का बोलबाला था, लेकिन अब कट्टरता और चरमपंथ को बढ़ावा मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात के बाद शांति और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

कट्टरवाद से कुंद हुई सेंट्रल एशिया की आर्थिक क्षमता’: पीएम मोदी ने क्षेत्र में बढ़ रहे कट्टरवाद पर कहा कि, कट्टरवाद और असुरक्षा के कारण इस क्षेत्र की विशाल आर्थिक क्षमता कुंद हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि, खनिज संपदा हो या इंट्रा SCO ट्रेड, इनका पूरा लाभ उठाने के लिए हमें आपसी कनेक्टिविटी पर जोर देना होगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, इतिहास में सेंट्रल एशिया की भूमिका प्रमुख क्षेत्रीय बाजारों के बीच एक पुल की तरह रही है, यही सेंट्रल एशिया की संमृद्धि का भी आधार था, भारत सेंट्रल एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

लैंड लॉक्ड देशों का भारतीय बाजार में स्वागत: पीएम ने कहा कि, ऐसे देश जो लैंड लॉक्ड हैं, वो देश भारत के विशाल बाजार से जुड़कर लाभ ले सकते हैं। पीएम ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि, सेंट्रल एशिया के देशों तक भारत की पहुंच और भारत तक सेंट्रल एशियाई देशों की पहुंच है, उन देशों के लिए कनेक्टिविटी के विकल्प खुले नहीं हैं। पीएम ने कहा कि आपसी विश्वास के जरिए ही कनेक्टिविटी पर बात आगे बढ़ सकती है, साथ ही सभी देशों को एक दूसरे की क्षेत्रीय अस्मिता को ध्यान में रखना आवश्यक है।

युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया जाए: पीएम मोदी ने SCO देशों से अह्वान किया कि, युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का कार्य किया जाए, ताकि स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योर को एक साथ जोड़ कर इनोवेटिव सोच को बढ़ावा दे सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सोच को ध्यान में रखते हुए भारत ने पिछले साल पहले स्टार्टअप फोरम और युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया। पीएम ने कहा कि भारत ने अपनी विकास यात्रा में तकनीक का सहारा लिया है, चाहे वित्तीय क्षेत्र में UPI और रुपे कार्ड की तकनीक हो या फिर कोविड से लड़ाई में आरोग्य सेतु और कोविन एप जैसे डिजिटल प्लेफॉर्म का इस्तेमाल किया साथ ही दुनिया के साथ साझा भी किया।

            शाश्वत तिवारी

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