भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी लगातार किसानों के मामले में पार्टी लाइन से अलग बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। एक बार फिर वरूण गांधी ने तीन कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों को पूरा साथ देने का वायदा किया है। वरूण तब किसानों का साथ दे रहे हैं जबकि बीजेपी किसान आंदोलन को प्रायोजित और राजनैतिक बता रही है। तीन दिन के दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे।
वरूण ने सबसे पहले बड़ेपुरा गुरुद्वारा पहुंच कर सिख किसानों के साथ माथा टेका। इस दौरान वरुण गांधी ने कहा कि वो हमेशा किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जब भी किसी के साथ अन्याय होते देखा है तो हमेशा आवाज उठाई है मैंने ये कभी नहीं देखा कि इसका मुझ पर क्या असर पड़ेगा। वैसे कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि वरूण गांधी की किसानों के प्रति सहानुभूति सुूनियोजित है,जिस तरह से बीजेपी ने वरूण गांधी को किनारे कर रखा है,उससे वरूण पाटी्र आलाकमान से नाराज चल रहे हैं।
बहरहाल, अपने संसदीय क्षेत्र आए वरुण गांधी ने मुंडिलया गौसू सहित कई गांव में ग्रामीणों को संबोधित भी किया। वरुण ने इस दौरान अन्ना हजारे के आंदोलन को भी याद किया और कहा कि देश के 543 लोकसभा सांसदों में से मैं अकेला ही व्यक्ति था जो अन्नां आंदोलन में जाकर उनके साथ बैठा थाा और उनका साथ दिया। ऐसे ही मैं किसानों का पूरी तरीके से साथ दूंगा। अन्ना हजारे के आंदोलन में भी मैंने यह नहीं पूछा कि मेरा दल उनके साथ है कि नहीं, लेकिन मेरा दिल उनके साथ है।
गौरतलब हो वरूण गांधी की यह नाराजगी पहली बार नहीं सामने आई है। इससे पहले भी वरुण गांधी ने किसानों के मुद्दे पर सीएम योगी को चिट्ठी भी लिख कर गन्ने की कीमतों में वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की थी।