हर साल मलेरिया की वजह से 4 लाख लोगों की जान चली जाती है, उनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. पिछले कुछ दशकों में बीमारी के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है यानी मौत की दर 2000 से करीब आधे में हो गई लेकिन अभी भी लंबी दूरी बाकी है.
मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण वैज्ञानिकों के लिए वास्तविक चुनौती पेश की है. दशकों से शोधकर्ता एक वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं लेकिन ये उतना आसान नहीं रहा.
वैक्सीन बनाने की कई कोशिशों से मजबूत इम्यूनिटी पैदा नहीं हुई. इसके बावजूद वैक्सीन का विकास हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिसर्च के शानदार नतीजे आने के बाद बुधवार को पहली बार बच्चों के लिए मलेरिया की वैक्सीन पर मुहर लगाई.
मलेरिया मच्छर से होनेवाली बीमारी है जो बुखार और ठंढ लगने का कारण बनती है और गंभीर मामलों में एनीमिया, दौरा और सांस की समस्याएं होती हैं. इलाज होने पर ये बहुत ही कम घातक है. लेकिन फिर भी अनुमान लगाया जाता है कि करीब 220 मिलियन मलेरिया के मामले हर साल दर्ज किए जाते हैं.