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महिला अधिकार कार्यकर्ता मसूदा जलाल ने दुनिया के सामने खोला तालिबान का राज़, सुनकर लोग हुए हैरान

महिला अधिकार कार्यकर्ता मसूदा जलाल ने कहा है कि तालिबान समावेशी सरकार बनाने और मानवाधिकारों का सम्मान करने के अपने वादे पर खरा नहीं उतरा है ।

दक्षिण एशिया डेमोक्रेटिक फोरम (एसएडीएफ) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए जलाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में एक ऐसा नियम होना चाहिए जो सुविधा, समन्वय और पर्यवेक्षण करे और अफगानों को उनके देश में क्या हो रहा है, इसके बारे में बोलने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए।

उन्होंने कहा, “तुर्की में एक महीने का सम्मेलन होना था। इसलिए फिर से वे (यूएन) तुर्की या किसी भी देश से संपर्क कर सकते हैं और अफगानिस्तान पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने पर काम करना शुरू कर सकते हैं।”

उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनके देश ने तालिबान के साथ युद्ध से तबाह देश में समावेशी सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। बता दें कि तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया एक महीने से अधिक समय हो गया है। अगस्त में काबुल पर तालिबान के कब्जे और पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकतांत्रिक सरकार गिरने के बाद देश संकट में पड़ गया है।

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