लखनऊ-राजधानी मे कुकुरमुत्ते की तरह फैल रहे ई-रिक्शा कारोबार पर नकेल कसने वाली है । एक सर्वे के मुताबिक लखनऊ में तकरीबन 70 प्रतिशत ई-रिक्शे बिना परमिट के चल रहे हैं। इन ई -रिक्शों के धरपकड़ के लिए जल्द एक बड़ा अभियान चलाया जायेगा। सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक ने बताया कि शहर में चल रहे अवैध रिक्शों के कारण सिटी बसों की कमाई कम हो गई है। उन्होंने कहा कि शहर के बाहरी हिस्सों से लेकर भीतरी प्रमुख मार्गों पर ई-रिक्शा सवारी ढो रहे हैं। इसलिए परिवहन विभाग की बसें घाटे में चल रही हैं।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ई-रिक्शों को शहर के 27 रूटों पर ही चलने की मंजूरी मिली है,लेकिन ये पूरे शहर में दौड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानस इनक्लेव से टेढ़ी पुलिया,फैजावाद रोड साई मंदिर से डिग्री कॉलेज,पॉलीटेक्निक चौराहे से गोमती नगर स्टेशन जैसे बाहरी रूटों पर ही ई रिक्शों को मंजूरी मिली हेै। अधिकारी ने कहा कि शहर के कई प्रतिबंधित क्षेत्र ऐसे हैं जहां बिना परमिट के ई- रिक्शे दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध ई- रिक्शों के खिलाफ जल्द ही एक बड़ा अभियान चलाया जायेगा। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक,50 प्रतिशत ई- रिक्शा चालक अनाड़ी है। आरटीओ दफ्तर में जब तीन हजार से अधिक ई-रिक्शे का पंजीकरण हुआ था तब उस समय सिर्फ डेढ़ हजार ई- रिक्शे चालकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया था।