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IIFI के स्‍वर्ण जयंती समारोह के जश्न की शुरुआत, अमिताभ बच्चन और रजनीकांत ने किया उद्घाटन

आख़िरकार इंतज़ार की घड़ियां ख़त्म हुईं और 50वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फ़िल्म महोत्सव की आज से गोवा में शुरुआत हो गयी.

सितारों से सजे इस शानदार और भव्य महोत्सव के समारोह का आगाज़ बॉलीवुड के शहंशाह कहलाए जानेवाले अमिताभ बच्चन और दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत ने साझा तौर पर किया. उद्घाटन समारोह का आयोजन बम्बोलिम के डॉ. श्यामा प्रसाद स्टेडियम में किया गया था.

आधिकारिक तौर पर इस मौके पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, सीईओ-ईएसजी अमित सतीजा और महोत्सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद जैसी हस्तियां मौजूद थीं. इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे.

समारोह के रेड कार्पेट पर इंडस्ट्री की तमाम जानी-मानी हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराई. लाइफ़ टाइम अवॉर्ड से सम्मानित इसाबेल हप्पर्ट ने रेड कार्पेट पर बात करते हुए कहा, “मैं यहां आकर बेहद ख़ुश हूं. मैं उम्मीद करती हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे अब तक के अधूरे सफ़र के मद्देनज़र दिया गया है. अपने कार्यकाल के दौरान मैं कई ख़ुशनुमां पलों की साक्षी बनी हूं और इस दौरान मुझे कई महान निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला.”

जैसे ही रंग-बिरंगी रौशनी ने मंच को रौशन किया और कैमरों ने हर एक्शन को क़ैद करने की बेताबी दिखाई, उद्घाटन समारोह के होस्ट करण जौहर ने अपने ही अंदाज़ में ने वहां इकट्ठा तमाम लोगों का स्वागत किया. इस महोत्सव की शुरुआत गोवा में पहले IFFI समारोह को होस्ट करनेवाले ऊंचे क़द के राजनेता मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने इस साल के महोत्सव की ख़ासियतों को रेखांकित किया. उन्होंने पिछले 50 सालों में इस आयोजन में आये बदलावों पर बात करते हुए कहा कि 1952 में महज़ 23 देशों ने इस कार्यक्रम में अपनी हिस्सेदारी दर्ज़ करायी थी, जबकि इस साल 76 देश इस महोत्सव में भाग ले रहे हैं.

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सभी गणमान्य अतिथियों का गर्मज़ोशी से स्वागत करते हुए गोवा को फ़िल्म शूटिंग का आकर्षक डेस्टिनेशन बनाने को लेकर अपनी योजनाओं की ओर‌ लोगों का ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा, “इस साल IFFI के कार्यक्रम में विलासिता और मनोरंजन का अनोखा संगम देखने को मिलेगा. IFFI भारत और अंतर्राष्‍ट्रीय फ़िल्म इंडस्ट्री के बीच में एक सेतु की तरह काम कर रहा है और सिनेमा‌ की दुनिया को और अच्छी तरह से समझने का मौका भी उपलब्ध कराता है. हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि सिनेमा हमारे समय और समाज का आईना होता है.”

भारत के सॉफ़्ट पावर यानि फ़िल्म, आईटी और संगीत के संबंध में श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, “भारत में राष्ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर की फ़िल्मों की शूटिंग के लिए ख़ूबसूरत लोकेशन्स की कोई कमी नहीं है, मगर इन लोकेशन्स में शूटिंग के लिए 15-20 तरह के परमिशन की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे में सरकार अब सिंगल विंडो की व्यवस्था कर रही है, जो सभी तरह के परमिशन की एकाग्र व्यवस्था होगी. इससे गोवा, लेह-लद्दाख और अंडमान-निकोबर द्वीपों को विशेष लाभ हासिल होगा.”

श्री जावडेकर ने गोवा के एक फ़िल्मकार द्वारा नेत्रहीनों के लिए बनाई गयी एक विशेष फ़िल्म का भी उल्लेख किया. इस बारे में उन्होंने कहा, “यह बेहद अहम है कि वे भी सिनेमा का भरपूर तरीके से लुत्फ़ उठा सकें. हम सिनेमा को अपनी आंखों और कानों के माध्यम से देखते और सुनते हैं,‌ मगर वे सभी सिनेमा को महज़ अपने कानों से देखते हैं. दुनिया को उनकी संवेदनाओं का भी ख़्याल रखना चाहिए. कहानी की रवानगी के मुताबिक दृश्यों को समझाया जाना ज़रूरी है.”

रूस के द कंट्री फ़ोकस संबंधी ऐलान के दौरान प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख मारिया लेमेशेवा ने अपने देश के चयन पर आभार प्रकट किया और पिछले कुछ सालों में रूस में फ़िल्मों की संस्कृति को पुनर्जीवित किये जाने पर बात की. उन्होंने कहा, “इस साल सरकार ने रूस में बनायी जानेवाली विदेशी फ़िल्मों को 40 फ़ीसदी की छूट देने का फ़ैसला किया है.”

अपने तमाम फ़ैन्स के भारी उत्साह के बीच सुपरस्टार रजनीकांत ने बड़ी ही विनम्रता से गोल्डन जूबिली आइकन ऑफ़ द ईयर पुरस्कार स्वीकार किया और कहा, “मैं इस अवॉर्ड को अपने तमाम फ़ैन्स, तमिलनाडु के तमाम लोगों और उन सभी निर्माताओं, निर्देशकों व तकनीशियनों को समर्पित करता हूं, जिन्होंने मेरे साथ काम किया है.”

इस महोत्सव में आमंत्रित किये जाने को लेकर अमिताभ बच्चन ने अपनी ख़ुशी जताते हुए कहा, “मुझे सम्मानित किये जाने और मेरी फ़िल्मों के रेट्रोस्पेक्टिव रखने जाने को लेकर मैं इस क़दर ख़ुश हूं कि IFFI का आभार प्रकट करने को लेकर मेरे पास कोई शब्द ही नहीं हैं. फ़िल्में हमेशा से ही हमारे सामाजिक जीवन का अंतरंग हिस्सा रहीं हैं. इतने बड़े पैमाने पर इस महोत्सव के आयोजन किये जाने से गोवा के लोगों को अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर पर दुनिया में हो रही हलचल के बारे में जानकारी मिलती है और उन्हें दुनियाभर से आये लोगों के साथ घुलने-मिलने का भी मौका मिलता है. मुझपर आपके प्यार और मेरे प्रति आपके लगाव का भारी क़र्ज़ है. ऐसा क़र्ज़ जिसे में न तो मैं उतार सकता हूं और न ही कभी उतारना ही चाहूंगा. मैं चाहूंगा कि यह क़र्ज़ मुझपर यूं ही ताउम्र चढ़ा रहे.”

कंपीटिशन सेक्शन के जूरी सदस्यों को सम्मानित किये जाने के दौरान अंतर्राष्‍ट्रीय जूरी के अध्यक्ष जॉन बैली ने कहा, “इस समारोह का हिस्सा बनकर हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. हमारे ऊपर ढेर सारी ज़िम्मेदारियां हैं. हम कुल 22 और रोज़ाना 4 फ़िल्में देखेंगे.”

इस समारोह को और यादगार बनाने के लिए इस ख़ास मौके पर गणमान्य हस्तियों द्वारा एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया. इस मौके पर शंकर महादेवन और लुइस बैंक के फ़्यूज़न संगीत और अन्य लोगों के परफॉर्मेंस ने समां बांध दिया.

महोत्सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा, “हमें मिल रहे सपोर्ट और प्रतिसाद से हम बेहद ख़ुश हैं और ऐसे में मैं साझा तौर पर किये गये प्रयासों के लिए सभी अधिकारियों और स्टीयरिंग कमिटी के सदस्यों का आभार प्रकट करना चाहता हूं”.

50वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फ़िल्म महोत्सव, 2019 के पैनोरमा सेक्शन में 26 फ़ीचर फ़िल्में और 15 ग़ैर-फ़ीचर फ़िल्में दिखाई जाएंगी. इस स्वर्ण जयंती समारोह में देश और दुनियाभर के 10,000 लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के स्वर्ण जयंती के कार्यक्रमों का आयोजन 20 नवंबर से लेकर 28 नवंबर के बीच गोवा स्थित पणजी में कई स्थलों पर किया जाएगा.

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