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छुट्टा जानवरों और निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में मुख्यसचिव की virtual बैठक में ‘‘सहभागिता योजना’’ पर चर्चा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जहां पर अभी भी निराश्रित गोवंश है वहां पर तत्काल अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराकर निराश्रित गोवंश को पहुंचा दिया जाये।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निराश्रित गोवंश का चिन्हांकन कर उन्हें तत्काल निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाये और यह भी सुनिश्चित कराया जाये कि प्रदेश में किसी भी ग्राम पंचायत से निराश्रित गोवंश और छुट्टा पशुओं की वजह से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाये जाने की शिकायत न प्राप्त हो।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निराश्रित गोवंश के लिए अस्थाई बाड़ों के निर्माण हेतु ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर इस कार्य में उनका सहयोग भी प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में अगर, किसी भी माध्यम से जानकारी प्राप्त होती है, तो खबर के तथ्यों की गहनता से जांच कर सत्यता पाये जाने पर तत्काल उचित कार्यवाही की जाये। मुख्यसचिव ने यह भी कहा कि निराश्रित गोवंशों के आश्रय स्थलों पर प्रत्येक सप्ताह उनका हेल्थ चेक-अप कराया जाये और गोवंशों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा, पानी, शेड और अलाव की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि आश्रय स्थलों की क्षमता का भी आंकलन कर लिया जाये, जिससे कि अगर आश्रय स्थलों पर अधिक संख्या में गोवंश मौजूद हैं, तो उन्हें किसी अन्य आश्रय स्थल में स्थानांतरित किया जाए और अगर किसी आश्रय स्थल में क्षमता के अनुरूप गोवंश कम हैं तो अन्य जगहों से आने वाले गोवंशों को वहां स्थानान्तरित करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि सब्जी मण्डी और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर निराश्रित गोवंश को चिन्हित कर उन्हें आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाये।

मुख्य सचिव ने बताया कि ‘‘सहभागिता योजना’’ के अन्तर्गत निराश्रित गोवंश को पालने के लिए प्रत्येक गोवंश पर प्रदेश सरकार की तरफ से 900/-प्रतिमाह की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से भी अस्थाई बाड़ों का निर्माण कराया जाये। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण और उनके भरण-पोषण के लिए धनराशि की किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं है। उपलब्ध धनराशि का सदुपयोग कराकर निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किया जाये। उन्होंने सहभागिता योजना में जिन जनपदों में लक्ष्य के सापेक्ष अच्छा कार्य हुआ है उनकी प्रशंसा की और जिन जनपदों में लक्ष्य के अनुरूप कम प्रगति है उनको तत्काल प्रदर्शन में सुधार लाकर प्रगति बढ़ाने को कहा। उन्होंने निराश्रित गोवंशों को गोद लेने वाले गौ-पालकों को प्रोत्साहित किये जाने और उनकी समस्याओं का तत्परता से निराकरण कराये जाने के भी निर्देश दिये।

बैठक में अपर मुख्य सचिव नियोजन सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पशुपालन सुधीर गर्ग सहित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त जनपदों के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

Report- Anshul Gaurav

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