कर्नाटक विधानसभा चुनाव में Siddaramaiah का कार्ड फेल हो गया। वह किसी भी रूप में जनता की नजरों में खरी नहीं उतर सकी। राज्य के दो सबसे बड़े समुदाय वोक्कालिगा और लिंगायत वोटों को हासिल करने के लिए जो कार्ड कांग्रेस ने खेला था। वह पूरी तरह से फेल हो गया। जिससे वह सत्ता की तह से ही बाहर हो गई।
Siddaramaiah, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया चुनाव में भारी अंतर से हारे
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को लिंगायत के गढ़ चामुंडेश्वरी में जेडीएस के वोक्कालिगा नेता जीटी देवेगौड़ा ने लगभग 36,000 से अधिक वोटों से करारी शिकस्त दी। जनता में विश्वास खो चुके सिद्धारमैया के सरकार में रहते हुए तीन वरिष्ठ मंत्री भी चुनाव में हार गए। जिन्होंने लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
भाजपा ने कांग्रेस के तीन मंत्रियों को दी शिकस्त
इनमें खनन और भूगर्भ मंत्री विनय कुलकर्णी (धारवाड़ ग्रामीण से), चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरन प्रकाश पाटिल (सेदाम से) और उच्च शिक्षा मंत्री बासवराज रायरारड्डी (येलबुर्गा) बीजेपी के उम्मीदवारों से बड़े वोटों के अंतर से हार गए। लिंगायत समुदाय को बांटने वाली कांग्रेस फेल रही। जनता ने पीएम मोदी के सबका साथ और सबका विकास पर अपना भरोसा जताते हुए वोट दिया।
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