- बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए शासन की नेक पहल
- बच्चों को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए अभिभावकों के मध्य होगी प्रतिस्पर्धा
औरैया।पोषण मिशन को और अधिक सुदृढीकरण करने के लिए शासन की ओर से ‘स्वस्थ बालिक – बालिका स्पर्धा’ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। जनपद में यह स्पर्धा शून्य से छह वर्ष तक के बच्चे के लिए होगी। यह कार्यक्रम 21 से 27 मार्च तक चलेगा। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शरद अवस्थी ने दी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) ने बताया कि ‘स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा’ कार्यक्रम के लिए राज्य पोषण मिशन के निदेशक की ओर से वाराणसी सहित समस्त जनपदों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पहले यह कार्यक्रम जनवरी 2022 में शुरू किया जाना था लेकिन कोविड की वजह से स्थगित किया गया। इस अभियान के तहत स्वस्थ बच्चे की पहचान आंगनबाड़ी व सहयोगी संस्थाओं के जरिये की जाएगी। इसके साथ ही उसको व उसके परिवार को सम्मानित भी किया जाएगा।
पोषण स्तर में सुधार लाना – डीपीओ ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है। बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण को भावनात्मक स्तर से जोड़ते हुए समुदाय को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जागरूक करना है। इसके साथ ही बच्चों को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए समुदाय में अभिभावकों के मध्य प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करना है। इस कार्यक्रम में स्वस्थ बच्चों के माता-पिता प्रतिभाग करेंगे। उनकी पहचान कर आईसीडीएस विभाग अभिभावकों का मान बढ़ाएँगे। चार्ट में बच्चे की उम्र के अनुसार लंबाई, ऊंचाई व वजन मानक के अनुसार इसका प्रदर्शन होगा। कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, स्कूल, प्राथमिक विद्यालय, स्वास्थ्य उपकेंद्र पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर संबंधित परियोजना से बाल विकास परियोजना अधिकारी, क्षेत्र के कर्मियों एवं सहयोगी संस्थाएं सहयोग करेंगी। वजन व माप लेने के लिए आंगनबाड़ी व सहायिका रहेंगी। सामुदायिक गतिशीलता बढ़ाने के लिए पंचायत के सदस्य, स्वयं सहायता समूह व मातृ समूह रहेंगे। वजन व माप लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल में विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा।
पोषण ट्रैकर एप से मिलेगा प्रमाण पत्र – ‘स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा’ में पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से माता-पिता आनलाइन आवेदन कर स्वत: भागीदारी कर सकेंगे। अभिभावक लंबाई, ऊंचाई और वजन को माप कर डाटा अपलोड कर सकते हैं। यदि बच्चा स्वस्थ हुआ तो प्रमाण पत्र स्वतः जारी हो जाएगा। इसके बाद एप से ही अभिभावक प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।करीब चार लाख बच्चों का सुधरेगा स्वास्थ्य – इस कार्यक्रम में स्वस्थ बच्चों के साथ समस्त बच्चों पर ध्यान देना है। जनपद के ग्रामीण व नगरीय इलाकों में कुल 1789 आंगनबाडी केंद्र हैं। इनमें शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों को लक्षित किया गया है।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर