सनातन धर्म मे त्रेता युग से चली रही 84 कोसी परिक्रमा एक महीने बाद हुई समाप्त. 22 दिन बाद अयोध्या वापस पहुंची. 5 जिलों से होकर 22 दिनों में अयोध्या में समाप्त हुई हैं.
चौरासी कोसी परिक्रमा करीब 275 किलोमीटर की यात्रा है जो 5 जिलों अयोध्या, बस्ती, अम्बेडकरनगर, गोंडा और बाराबंकी से होकर गुजरती है. इस पूरे परिक्रमा मार्ग को यूपी विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल हाईवे घोषित किया गया था.
राजा दशरथ के यज्ञ स्थल से शुरू होकर परिक्रमा रविवार को मखभूमि से शुरू होकर बस्ती,अम्बेडकर नगर गोंडा, बाराबंकी और अयोध्या जिलों से होकर जाएगी और रास्ते में करीब 22 पड़ावों पर विश्राम कर आगे बढ़ी .
इस बीच जगह-जगह दोपहर भोज और रात्रि भोज व भजन-कीर्तन, रामायण पाठ आदि के आयोजन भी किए जाएंगे. परिक्रमा में इस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं.
राम जन्मभूमि के लिए परिक्रमा का बहुत महत्व है. इस 84 कोस को ही अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा माना जाता है. 17 अप्रैल से शुरू हुई ये परिक्रमा पांच जिलों के 107 गांवों से होकर गुजरी. इसमें पंचकोसी, चौदहकोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा सभी भक्तों के उद्धार का माध्यम माना जाता है.