- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, May 13, 2022
लखनऊ। भाउराव देवरस शोध पीठ वाणिज्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से भाउराव देवरस की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका विषय सामाजिक उद्यमिता और युवा था। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माननीय मनोज जी सह प्रांत प्रचारक अवध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहे।
इस कार्यक्रम का आयोजन माननीय भाऊराव देवरस जी की पुण्यतिथि 13 मई को किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ल, निदेशक, भाउराव देवरस शोध पीठ ने किया तथा इस कार्यक्रम के आयोजन में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अवधेश कुमार त्रिपाठी जी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा मुख्य अतिथि मनोज जी को अंगवस्त्र तथा पुस्तक भेंट कर किया गया। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम भाऊराव देवरस शोध पीठ के निदेशक प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ल जी ने भाऊराव देवरस शोध पीठ के विषय में बताया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा रखी।
तत्पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश त्रिपाठी जी ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा सुझाव दिया कि माननीय भाऊराव देवरस जी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाए तथा इसके पश्चात मुख्य अतिथि माननीय मनोज जी ने उद्बोधन दिया जिसमें उन्होंने भाऊराव देवरस जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को बताया जिसमें मुख्य रूप से उन्होंने बताया कि किस तरीके से डॉक्टर हेडगेवार ने 1925 में आर.एस.एस. की स्थापना विजयदशमी के दिन की तथा भाऊराव देवरस जी नागपुर से आर. एस.एस.के प्रचार हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय आए तथा यहाँ पर उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और पैसों की तंगी के कारण वह अखबार बेचकर अपना पढ़ाई पूरी की तथा यहाँ पर उन्होंने बीकॉम एवं एलएलबी में टॉप किया साथ ही साथ छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए।
भाऊराव देवरस जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय में संघ का प्रचार प्रसार किया तथा साथ ही साथ विद्या भारती की स्थापना की और पूरे देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की| पूरे देश में लगभग 15000- 16000 स्कूल खोले गए तथा माननीय मुख्य वक्ता मनोज जी ने बताया कि किस तरह से लॉर्ड मैकाले ने भारत आकर भारत की शिक्षा पद्धति को नष्ट किया तथा भाउराव देवरस जी ने इन स्कूल के माध्यम से भारत की गुरुकुल शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाया तथा राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया| इस कार्यक्रम में विश्विद्यालय के आचार्य प्रो. अजय मिश्र जी, डा. आशीष अवस्थी जी,प्रो. संजीव त्रिवेदी जी, वाणिज्य विभाग से डा. सुनीता श्रीवास्तव जी, डा. गीतिका कपूर जी तथा अन्य आचार्य उपस्थित हुए तथा कई अन्य विश्वविद्यालयों से भी आचार्य लोग उपस्थित हुए|