लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने गन्ना किसानों का दर्द बयां करते हुये कहा कि गन्ना किसानों का हजारो करोड रूपया मिल मालिक दबाये बैठे हैं और किसान अपने पारिवारिक खर्चो के लिए दर दर भटक रहा हैै। इस आशय का एक पत्र उन्होंने प्रदेश के गन्ना आयुक्त को लिखा। उन्होंने अपने लिखे हुये पत्र में कहा कि उप्र. में 1,77,648.96 करोड रूपया गन्ना भुगतान सहकारी व निजी चीनी मिलों पर बकाया है बकाया भुगतान न होने के कारण गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है क्योंकि वर्तमान समय में मंहगाई भी अपने चरम पर है।
श्री सिंह ने कहा कि यदि किसी किसान पर सरकार का कोई देय है तो सरकार उसको वसूलने के लिए आर सी जारी कर जेल भेजने की कार्यवाही करती है। केन एक्ट के अनुसार यदि गन्ना किसानों का भुगतान सम्बन्धित चीनी मिल द्वारा 14 दिन के अन्दर नहीं करती है तो मय ब्याज के गन्ना किसानों को भुगतान सम्बन्धित चीनी मिलों द्वारा किया जायेगा जबकि इसका आदेश मा. उच्च न्यायालय द्वारा भी स्पष्ट रूप से है लेकिन उप्र. सरकार के द्वारा मा. न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
उन्होंने जनपद लखीमपुर खीरी का उदाहरण देते हुये कहा कि बजाज ग्रुप की पलिया, गोला तथा खम्भारखेड़ा पर 803.66 करोड़ रूपया बकाया है जबकि सहकारी चीनी मिल सम्पूर्णानगर पर 45.90 करोड रूपया तथा बिलरायां चीनी मिल पर 56.85 करोड़ रूपया बकाया है।रालोद के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने गन्ना आयुक्त से मांग की कि चीनी मिलों पर कार्यवाही करते हुये जल्द जल्द से गन्ना किसानों का बकाया भुगतान मय ब्याज के कराया जाय नहीं तो रालोद कार्यकर्ता गन्ना आयुक्त कार्यालय का घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।