अटल आयुष्मान योजना में पांच लाख तक की सीमा तक मुफ्त इलाज के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने रेफरल व्यवस्था को सख्ती से लागू किया है। छोटे अस्पताल मरीजों को पहले बड़े सरकारी अस्पतालों में भेजेंगे और वहां इलाज न हो पाने की सूरत में ही बड़े अस्पतालों से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल रेफर किया जाएगा।
आईटी पार्क स्थित कार्यालय में प्रेसवार्ता में प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए सरकार ने रेफरल नीति बनाई है। आयुष्मान कार्डधारक मरीज का पहले राजकीय अस्पतालों में इलाज किया जाए।
डीके कोटिया ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों को मरीजों को रेफर करने के संदर्भ में कारण बताना होगा। बिना कारण बताए अस्पतालों के रेफरल स्वीकार नहीं किया जाएंगे। पहले जिला अस्पताल या सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराना अनिवार्य किया गया है।
उपचार की सुविधा उपलब्ध न होने पर ही निजी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था है। कोविड महामारी में सरकार ने इस व्यवस्था में छूट दी थी। अब फिर से मरीज की बायोमेट्रिक और रेफरल व्यवस्था को लागू किया गया है।