राज्यपाल आनन्दी बेन ने कह कि देश की समाजिक और आर्थिक प्रगति मुख्य रूप से ग्रामीण भारत के विकास पर निर्भर करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के अभियान में अपना योगदान देने हेतु महिला किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
पशुपालन और दुग्धोत्पादन के विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मवेसियों से जुड़े हुए कार्यों जैसे नस्ल सुधार कार्यक्रम,संतुलित आहार कार्यक्रम तथा किसानों को विभिन्न प्रकार की तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना एक सराहनीय कार्य है।
आनंदीबेन पटेल ने रायबरेली के तहसील सलोन स्थित एनीमल ब्रीडिंग सेन्टर के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को सम्बोधित किया. उन्होने कहा कि संस्थान के प्रयासों ने दुग्ध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाते हुए डेयरी उद्योग से जुड़े लाखों दूध उत्पादकों के लिए डेयरी उद्योग को एक स्थायी एवं लाभप्रद,आर्थिक गतिविधि बनाकर भारत की ग्रामीण व्यवस्था में बदलाव किया है।
श्वेत क्रांति के माध्यम से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने देश के किसानों को जिस प्रकार एकता के सूत्र में पिरोया वह अत्यंत सराहनीय है। इस संस्थान द्वारा स्थापित 16 दुग्ध उत्पादक कम्पनियों में 63 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी है, जो कि किसी भी औद्योगिक हिस्सेदारी में अधिकतम है।राज्यपाल ने गुजरात राज्य में महिला सशक्तीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण दिया।
कहा कि गुजरात में डेयरी के माध्यम से महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हुई हैं और महिलाओं ने पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय को अपनाकर एक अच्छी आमदनी कर रही हैं। यह महिला सशक्तीकरण का उदाहरण है। सभी महिला मित्र भी उचित वैज्ञानिक तकनीकी व मार्गदर्शन अपनाकर, अपना खुद का कारोबार चला सकती हैं. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सकती हैं।