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अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान, ऐरवाकटरा में एक पखवाड़े से चरमराई विद्युत व्यवस्था, खेतों में सूख रही फसल को लेकर किसान चिंतित

बिधूना। बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज तहसील क्षेत्र के किसानों, छात्रों, उपभोक्ताओं आदि के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ऐरवाकटरा पावर स्टेशन से जुड़े क्षेत्र के एक सैकड़ा से अधिक गांवों के किसान जहां अपनी सिंचाई को लेकर परेशान हैं जिससे उनकी फसलें सूख रहीं हैं वहीं गांव में बुजुर्ग व बच्चे उमस भरी भीषण गर्मी से दिन का आराम व रात की नींद हराम है।

ऐरवाकटरा पावर हाउस से जुड़े ग्रामीण उपभोक्ता बीते पखवाड़े से बिजली की अघोषित कटौती से खासे परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं को प्रदेश की योगी सरकार ने 18 घंटे बिजली आपूर्ति का रोस्टर जारी किया हुआ है। लेकिन लोगों का आरोप है कि उन्हें चार घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। जब बिजली आती भी है तो वोल्टेज कम होने के कारण ट्यूबवेल न चलने से सिंचाई के अभाव में फसलें सूख रहीं हैं।

क्षेत्र के गांव उदईपुर, सुरेंधा, नगरिया राजाराम, किशनपुर, नगला भगत, बमुराह, चिकटा, सूरजपुर, बीलपुर, नगला वाले, देइपुर, रघुनाथपुर, नगला चकमऊ, दोबा, उमरैन, ऐरवा कटरा, रानीपुर, बैलझारी, नगला बैंस, रतनपुर, उमरेड़ी आदि गांवों के किसान व उपभोक्ता अघोषित बिजली कटौती से परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस वर्ष बहुत कम बारिश हुई, सिंचाई विभाग के अधिकारी की लापरवाही के चलते माइनर बम्बा में टेल तक पानी नहीं रहा। बिजली का सहारा था कि ट्यूबवेल के पानी से फसलों की सिंचाई कर लेते पर पिछले एक पखवाड़े से बिजली भी नहीं आ रही। 24 घंटे में मुश्किल से 3-4 घंटे बिजली आती है, उसमें भी वोल्टेज बहुत कम होता है। ट्यूबवेल न समर तो छोड़िए, घरेलू विद्युत उपकरण तक नहीं चलते हैं। समस्या के संबंध में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं।

बताया कि विद्युत कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है। बिजली कब आती है और कब चली जाए इसका भरोसा नहीं है। लोगों ने कई बार मांग की है कि विद्युत कटौती का समय निर्धारित किया जाए, लेकिन आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है।

उदईपुर निवासी किसान बाबी सिंह ने बताया कि बिजली न आने की वजह से पानी के अभाव में खेत में खड़ी फसल सूख रही है और विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है 15 दिन से भी अधिक समय हो गया है। अगर बिजली आती भी है तो 5 मिनट से अधिक समय तक नहीं रुकती है। उसमें वोल्टेज बहुत कम होते हैं।

बमुराहा निवासी किसान सियाराम ने बताया ‌कि पिछले 15 दिन से बिजली ना के बराबर आ रही है। कहा कि न माइनर बम्बा में पानी आ रहा और ना ही बारिश हो रही है। जिस कारण पानी के अभाव में खेतों में खड़ी बाजरा व धान की फसल सूख रही है।

नगरिया राजाराम निवासी ट्यूबवेल मालकि राधेश्याम ने बताया 15 दिनों से लाइट परेशान कर रही है। बताया कि उनके ट्यूबवेल से 500 बीघा धान, 400 बीघा बाजरा, 100 बीघा मक्का की फसल की सिंचाई होती है जो सूख रही है। बताया कि बिजली आती भी है तो 2 से 5 मिनट, उसमें भी वोल्टेज इतना कम रहता है कि समर तक नहीं चलती है।

सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे सुरेंधा निवासी छात्र पंकज सिंह ने बताया कि लाइट न आने की वजह से फोन भी चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण ऑनलाइन क्लास नहीं हो पा रही है‌। बहुत परेशानी हो रही है।

नगला वाले निवासी अशोक कुमार ने बताया कि लाइट न आने से चक्की नहीं चल पा रही जिसकी वजह से घरों में आटा नहीं और भैसों के लिये दाना नहीं है। विद्युत विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास करते तो विद्युत विभाग के सभी अधिकारियो को फोन करो तो उठाते नहीं या अपने फोन बन्द कर रखे है।

नगरिया राजाराम निवासी किसान नेता राहुल नायक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की चरमराई विद्युत व्यवस्था से किसानों को सिंचाई आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उनकी फसलें सूख रहीं हैं। भीषण गरमी में हर रोज बिजली गुम रहने से ग्रामीण काफी परेशान है। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नही है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सके।

ऐरवाकटरा के अवर अभियंता ऐरवाकटरा अरविन्द सिंह ने बताया कि पिछले 3-4 दिन से गाजीपुर फीडर में फाल्ट न मिलने की वजह से एक एक पोल एक एक डिस्क की सर्चिंग की गई फिलहाल आपूर्ति सही चल रही है। बस रोस्टिंग की कारण बाधित हो रही है। पावर हाउस में एक रिले खराब है, औरैया से टेस्टिंग टीम आ रही है। आज इस समस्या का समाधान भी हो जाएगा।

रिपोर्ट – राहुल तिवारी/संदीप राठौर चुनमुन

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