यूपी के बाराबंकी में दलित किशोरी का शव फांसी पर लटकता मिला। परिजनों ने आरोप लगाया कि रेप के प्रयास का मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए शव देने से इनकार किया। उच्चाधिकारियों को गांव आने की मांग पर अड़े हुए हैं।
हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में बुधवार की रात 16 वर्षीय किशोरी ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार की सुबह उसकी मां ने जब दरवाजा खोला तो किशोरी का शव छत में लगी लकड़ी की बल्ली पर दुपट्टे से लटका मिला। शव देखकर घर में चीख-पुकार मच गई। लोगों की भीड़ जुट गई। शव को फंदे से नीचे उतरवाया गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा। रोते बिलखते परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म का प्रयास करने वाले आरोपी युवक और इस मामले में ठोस कार्यवाही ना करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही ना होने तक वह पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। कार्यवाही का आश्वासन पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी आकर दे, तभी शव को पीएम के लिए भेजा जाएगा। इससे महकमे में हड़कंप मच गया।
मामले की तहरीर हैदरगढ़ थाने में दी गई थी लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर उसे छोड़ दिया। जिस पर परिजनों ने एसपी से गुहार लगाई थी, एसपी के आदेश पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बावजूद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। जिससे आरोपी के हौसले बुलंद थे और वह गांव में घूम घूम कर पीड़िता का और उसके परिवार का मजाक उड़ाता था। जिससे किशोरी आहत थी। आरोप है कि इसी के चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
एसपी के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा : रोते बिलखते परिजनों ने बताया कि 8 जून की रात 16 वर्षीय किशोरी लघु शंका के लिए उठी थी। इसी दौरान गांव का सोनू नाम का युवक उसका मुंह दबाकर थोड़ी दूर पर खाली पड़े मकान के टिन शेड के नीचे उठा ले गया था। यहां उसने दुष्कर्म का प्रयास किया लेकिन किशोरी के शोर मचाने पर ग्रामीण दौड़े तो आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया।