गऊ घाट के समीप ‘गऊ घाट उपवन’ विकसित करने के लिए नगर निगम को कार्ययोजना बनाने के दिये निर्देश
इस अवसर पर CIPSC के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई AI-Enabled Robotic Trash Boat का भी संचालन किया गया
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने स्वच्छता पखवाड़ा के अन्तर्गत लखनऊ नगर निगम, एनसीसी निदेशालय उप्र. एवं लोकभारती संस्था द्वारा गऊ घाट पर आयोजित पुनीत सागर अभियान के तहत गोमती नदी के सफाई कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।.इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि लोक भारती संस्था द्वारा सामाजिक चेतना जागृत करके लोगों को साथ जोड़कर गोमती नदी को स्वच्छ बनाने का जो काम किया जा रहा है, वह प्रशंसनीय तथा सराहनीय है। उन्होंने गऊ घाट के समीप ‘गऊ घाट उपवन’ विकसित करने के लिए नगर निगम को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता की प्रेरणा प्रधानमंत्री से लेनी चाहिए, जब उन्होंने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। पिछले 8 साल में देश में बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज शहर से लेकर गांव तक सभी जगह स्वच्छता बरकरार है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन सरकार की योजना ही नहीं, बल्कि यह आम जनमानस की अहम जिम्मेदारी है। इस सफाई अभियान में जनसहभागिता का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। लोगों को न तो स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न ही किसी और को फैलाने देना चाहिए। उन्होंने ‘‘न गंदगी करेंगे, न करने देंगे’’ का मंत्र भी दिया।
उन्होंने कहा कि हम गोमती नदी की पूजा करते हैं, छठ पूजा में प्रणाम करते हैं, हमारी हर पूजा जल के साथ होती है, जल से ही हमारा जीवन है। उसी जल को स्वच्छ रखना हमारी अहम जिम्मेदारी है। स्वच्छ भारत की परिकल्पना तभी साकार होगी जब आम जनमानस इस अभियान में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि जीवन और वातावरण में शुद्धता आने से आज हम कई तरह के रोगों से बचते हुए एक अच्छा और रोगमुक्त जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य तभी मुमकिन है जब हमारे जीवन और वातावरण में शुद्धता हो। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्वच्छ सर्वेक्षण के मामले में आज हमारा उत्तर प्रदेश टॉप-5 में पहुंच गया है। यह तभी संभव हुआ जब सरकारी कर्मचारी लोगों के साथ जुड़कर काम करने लगे। आज पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस मौके पर मुख्य सचिव ने वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर गोमती नदी को स्वच्छ करने के लिए किए जा रहे कार्याे में और तेज़ी प्रदान करने के उद्देश्य से Centre For Innovation Policy and Social Change (CIPSC) के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई AI-Enabled Robotic Trash Boat का गऊघाट पर संचालन भी किया गया।
CIPSC डायरेक्टर करिश्मा सब्भरवाल ने बताया कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्वचालित रोबोटिक बोट पूरी तरह से सोलर ऊर्जा द्वारा चालित जीरो कार्बन इमर्शन बोट है। बोट में आगे की ओर कैमरा लगाया गया है जो पानी में पड़े प्लास्टिक/जलकुम्भी/अन्य कचरे को डिटेक्ट करते हुए उसको एकत्रित करता है। नाव में लगी छोटी जाली नदी के छोटे से छोटे कचरे को बाहर करने में सक्षम है।
पालीथिन से लेकर फूलों तक को यह बाहर कर देती है। बोट में लगी कन्वीयर बेल्ट के द्वारा कचरा पीछे बने स्टोरेज में एकत्रित होता है। वर्तमान में स्टोरेज की क्षमता 200 किलोग्राम है। नाव की क्षमता को 1000 किलोग्राम तक बढ़ाया जा सकता है। 30 दिनों की परीक्षण अवधि पूरी होने के बाद इसे नगर निगम को सौंप दिया जाएगा।
कार्यक्रम में महापौर संयुक्ता भाटिया, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, एमडी जल निगम अनिल कुमार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर महानिदेशक एनसीसी मेजर जनरल संजय पुरी, ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर रवि कपूर, CIPSC के तकनीकी विशेषज्ञ धीरेन्द्र, नवीन कुमार (जीआईजेड) एवं अन्य अधिकारीगण आदि मौजूद थे।