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ग्लोबल हैण्ड-वॉशिंग-डे : हैण्डवाश से कोरोना ने मानी है हारी, अब अन्य बीमारियों की भी बारी

• हाथों को रखें साफ, बीमारियां नहीं फटकेगी पास

• हाथ की रेखाओं में भी छिपे होते हैं विषाणु, इनसे रहिये सावधान

वाराणसी। किसी वस्तु को छूने, उसका इस्तेमाल करने और कई तरह के दैनिक कार्यों के कारण हमारे हाथों में गंदगी छिपी होती है, जो सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देती। ऐसे में बिना हाथ धोये खाद्य पदार्थो के सेवन से यह गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है, जो तमाम तरह की बीमारियों का कारण बनती है। गंदे हाथों के स्पर्श से संक्रमण एक व्यकित से दूसरे तक भी पहुंचता है। हाथों की सही ढंग से धुलाई कर हम खुद के साथ ही दूसरों को भी बीमार होने से बचा सकते है। लोगों को हाथों की धुलाई के प्रति जागरूक करने के मकसद से ही विश्व में 15 अक्टूबर को “ग्लोबल हैण्ड-वॉशिंग-डे” मनाया जाता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष भी 15 अक्टूबर को ‘ग्लोबल हैण्ड-वॉशिंग डे’ मनाया जायेगा। इस दिन जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही हेल्थ एण्ह वेलनस सेंटर पर लोगों को साबुन से हाथ धोने के प्रति जागरूक किया जायेगा। वह बताते हैं कि साबुन से हाथ धोने से डायरिया पीड़ित होने की घटनाओं में 30 प्रतिशत और हाथ से होने वाले अन्य संक्रमण विशेष रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। बताया कि एक अध्ययन में पाया गया है कि देश में हर वर्ष पांच साल से कम उम्र के बच्चों की होने वाली 2.3 मिलियन मृत्यु में 13-14 प्रतिशत डायरिया सम्बन्धी बीमारियों के कारण होती है। लिहाजा हैण्डवाश के प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए।

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसी मौर्या कहते हैं कि स्वस्थ जीवन के लिए जिस तरह हम अन्य छोटी-छोटी बातों का ध्यान देते हैं। इसी तरह साबुन से हाथ धोना भी हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा है। दैनिक कार्यों के दौरान हम कई वस्तुएं छूते हैं। इस दौरान कीटाणु हमारे हाथ की लकीरों में छिप जाते हैं। बड़ों की तुलना में बच्चों को यह खतरा अधिक रहता है। बच्चे धूल-मिट्टी में भी खेलते हैं। इस दौरान उनके हाथों में कीटाणु चिपक जाते हैं। इससे डायरिया, चर्म रोग, पेट से सम्बन्धित व आंखों में संक्रमण आदि का हर समय खतरा रहता है।

हाथों को धोना कब है जरूरी- डा. मौर्या कहते है कि हाथों को स्वच्छ रखने के लिए हमें यह भी जानना जरूरी है कि हम हाथ कब जरूर धुलें। वह बताते है कि हमें शौच करने के बाद साबुन से हाथ जरूर धुलना चाहिए। खाना खाने से पहले हाथ जरूरत धुलें। इसी तरह खाना बनाने से पहले भी हाथ अवश्य धुलना चाहिए। पालतू जानवारों को छूने के बाद भी हाथ की सफाई जरूरी है। खांसने, छींकने अथवा शरीर के किसी भी हिस्से में खुलजी करने के बाद हाथ जरूर धुलें। किसी बीमार व्यक्ति को छूने से पहले और बाद में भी हाथ जरूर धुलना चाहिए।

हाथ धुलने के लिए अपनाएं “सुमन-के” विधि- अधिकांश लोग जानते है कि साबुन से हाथ धुलना चाहिए लेकिन हाथ धुलने के सही तरीका क्या होता है, इसे बहुत लोग नहीं जानते। डा. मौर्या ने बताया कि इसके लिए साबुन के झाग को 20 से 40 सेकेण्ड तक ‘सुमन-के’ (एसयूएमएएन-के) विधि से हाथों में रगड़ना चाहिए। एस- सीधा, यू- उल्टा, एम- मुट्ठी, ए- अंगूठा, एन- नाखून और के का मतलब कलाई से है। इस विधि से हाथ धुलने के लिए पहले कलाई, फिर हाथ के उलटी तरफ, फिर मुट्ठी, उसके बाद अंगूठा, फिर नाखून और अंत में पुनः कलाई को साफ करना चाहिए।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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