बाढ़ और बारिश के चलते कई राज्यों में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से YAMUNA नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 205.50 मीटर पहुंच गया जोकि खतरे के निशान से 0.67 मीटर ऊपर है।
YAMUNA नदी उफान पर
उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश और हथिनी कुंड बैराज से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी उफान पर है। आज सुबह पुरानी दिल्ली रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर रिकार्ड किया गया। करीब 2 लाख 53 हज़ार क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया है जो दो दिन बाद दिल्ली पहुंचेगा। डीएम (पूर्वी दिल्ली) ने बताया कि अब तक 1500 लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाके से बाहर निकाल लिया गया है। 10 स्थानों पर 550 टेंट लगाए गए हैं। अधिक जरूरत होने पर लोगों को स्कूलों और रैन बसेरों में ठहराएंगे।
कई इलाके कराए गए खाली
अगले कुछ दिनों में यमुना के आसपास के इलाकों में हालात बिगड़ सकती है। इसके चलते दिल्ली सरकार ने यमुना के किनारे वाले इलाकों में बसे लोगों को अलर्ट जारी किया है और कई इलाके खाली करा लिए हैं। हरियाणा से पानी छोड़े जाने के बाद हथिनी कुंड से दोबारा छोड़ा गया। इसके बाद यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर दिल्ली सरकार ने दूसरी चेतावनी भी जारी की। लोगों के बचाव के लिए बोट तैनात कर दी गई है।
यमुनानगर : 90 गांव पर बाढ़ का खतरा
यमुनानगर में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुनापार के 6 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। यमुना का पानी खेतों में घुसने से करीब तीन हजार एकड़ फसल खराब होने के कगार पर है। जिले के 90 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद में भी यमुना से सटे इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही यमुना के दो किमी दायरे और निचले इलाकों में बसे गांवों को खाली करने ही हिदायत दी है।
प्रशासन ने मदद के लिए सेना, वायुसेना व एनडीआरएफ से संपर्क किया है। यमुना के आसपास बसी आबादी को खाली कराया जा रहा है। प्रदेश की बरसाती नदियां, घग्घर, टांगरी, मार्कंडा में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।