लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष से उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के स्थापना दिवस पर आयोजित रजत जयंती समारोह में आनलाइन प्रतिभागिता किया।
उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय उन लोगों के लिए वरदान है, जो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों, दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में निवास, विश्वविद्यालय में प्रवेश न मिलने जैसे विविध कारणों से नियमित शिक्षण संस्थान जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित रहने वाले इस वर्ग को मुक्त विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर विकास का बड़ा अवसर प्राप्त हो जाता है।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में मुक्त विश्वविद्यालय को और अधिक जिम्मेदारी के साथ शिक्षा प्रदान करने के वर्गों का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने की उम्र में किन्ही कारणों से जेल में निरुद्ध युवाओं, किशोरों को अधिक उपयोगी शिक्षा प्रदान कर उनके व्यक्ति और सामाजिक गुणों का विकास करने की दिशा में मुक्त विश्वविद्यालय प्राथमिकता से विचार करे। उन्होंने जेल में निरुद्ध युवाओं-युवतियों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान कराने पर विशेष जोर दिया।
इसी क्रम में राज्यपाल जी ने किन्नरों के लिए उच्च शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने को भी कहा। उन्होंने कहा किन्नर हमारे समाज का अंग हैं, वे भी मनुष्य हैं और वे भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर सामाजिक हिस्सेदारी चाहते हैं। विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि बिना सामाजिक भेदभाव के उनके लिए भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था बनाएं। उन्होंने कहा मुक्त विश्वविद्यालय किन्नरों के लिए सेंटर बनाकर तथा ऐप विकसित कर शिक्षा की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था हेतु राजभवन से भी अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जायेगा।
विश्वविद्यालय में सभी व्यवस्थाएं शत्-प्रतिशत् आनलाइन करने के निर्देश के साथ राज्यपाल ने नैक हेतु तैयारियों को भी निरन्तरता से जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा ‘नैक’ प्रति पांच वर्ष पर मूल्यांकन की सतत् प्रक्रिया है। इसलिए प्रतिवर्ष समस्त डाटा प्रवष्टियों के साथ इसे प्रतिबद्धता से तैयार किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रतिनिधित्व में विविध कमेटियों का गठन करके कार्य सम्पादन एवं गतिविधियों के संचालन में उनकी प्रतिभागिता बढ़ाने को भी कहा।
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के 25वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों को वर्षा जल संचयन के माध्यम से अपने उपयोग हेतु जल-व्यवस्था करने, मातृभाषा में तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा सुनिश्चित कराने पर भी प्रमुखता से चर्चा की। सम्बोधन के प्रारम्भ में राज्यपाल जी ने गुजरात के मोरबी में हुई पुल दुर्घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दुर्घटना स्थल पर राहत कार्य में जुटे लोगों का आभार व्यक्त करते हुए उनके लिए सम्मान भाव भी व्यक्त किया।
समारोह में राज्यपाल की उपस्थिति में आनलाइन राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन की प्रतिमा का अनावरण, ई-ज्ञान संगम (ओईआर रिपाजिटरी), ई-ज्ञानार्जन (एलएमएस पोर्टल) का उद्घाटन तथा स्मारिका का विमोचन भी किया गया।