लखनऊ। प्रदेश के देवरिया जिले में मां विंध्यावासिनी बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार के आरोप के खुलासे के बाद यूपी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को तलब किया है। इसके साथ ही उन्होंने डीएम देवरिया सुजीत कुमार को हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएम योगी ने डीपीओ को भी निलंबित करने का फरमान सुनाया है।
देह व्यापार मामले में डीएम को
डॉ रीता जोशी ने बताया कि देह व्यापार मामले में डीएम को हटा दिया गया है। वहीं पूर्व के डीपीओ अभिषेक पांडेय को सस्पेंड किया गया है। वहीं अंतरिम चार्ज में रहे दो अधिकारी नीरज कुमार और अनुज सिंह के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
जांच करने के लिए देवरिया भेजा
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव, महिला कल्याण रेणुका कुमार और एडीजी अंजू को अलग-अलग जांच करने के लिए देवरिया भेजा है। ये दोनों आज दिन भर देवरिया में रहेंगीं और एक-एक बच्चे से बात करेंगीं और कल रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगीं। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 12 घंटें का समय देते हुए कहा कि प्रदेश भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी शेल्टर होम की जांच करके पेश की जाए।
दरअसल मामले में महिला एवं बाल कल्याण विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। सवाल यह उठ रहा है कि 23 जून 2017 को मान्यता खत्म होने के बाद 30 जुलाई 2018 को एफआईआर क्यों कराई गई? इतना ही नहीं 30 जुलाई को लिखी गई एफआईआर पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। फिलहाल रविवार रात दर्ज हुई एफआईआर में शारीरिक छेड़छाड़ और पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई है।