भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बलरामपुर जिला है जहाँ से सर्वप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी जी का बेहद गहरा नाता था। बलरामपुर संसदीय सीट से ही अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सांसद बनने में कामयाब हुए थे।
बलरामपुर : फिल्मी हस्तियों को बुलाया
वाजपेयी जी ने अपना पहला बलरामपुर 1955 में लड़ा था लेकिन उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। 1957 के लोकसभा चुनाव में बलरामपुर लोकसभा सीट पर उन्होंने पहली बार जीत हासिल की थी। कहा जाता है कि 1962 के लोकसभा चुनाव में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अटल जी को हराने के लिए एक मशहूर बॉलीवुड एक्टर का सहारा लिया था।
कांग्रेस की सुभद्रा जोशी
बलरामपुर लोकसभा सीट पर नेहरू ने कांग्रेस की ओर से वाजपेयी के खिलाफ सुभद्रा जोशी को खड़ा किया था। हालांकि ये ऐसा दौर था जब चुनाव में जीत हासिल करने के लिए फिल्मी हस्तियों को नहीं बुलाया जाता था लेकिन पंडित नेहरू को वाजपेयी की जनता को अपनी ओर खींचने की कला के बारे में ठीक से मालूम था, इसलिए इस चुनाव में उन्होंने बॉलीवुड के मशहूर एक्टर बलराज साहनी को बलरामपुर में कांग्रेस का प्रचार करने का न्योता दिया।
अटल जी के 7 सुवचन
1-हिन्दू धर्म तथा संस्कृति की एक बड़ी विशेषता समय के साथ बदलने की उसकी क्षमता है ।
2-आप दोस्तों को बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसियों को नहीं।
3-निराशा की अमावस की गहन निशा के अंधकार में हम अपना मस्तक आत्म-गौरव के साथ तनिक ऊंचा उठाकर देखें।
4-व्यक्तिगत सम्पत्ति को जब चाहे तब जप्त कर लेने का अधिकार देना एक खतरनाक चीज होगी।
5-कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता है कि देश मूल्यों के संकट में फंसा है।
6- देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं। राष्ट्रदेव की पूजा में हमें अपने को समर्पित कर देना चाहिए ।
7-हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन का न प्रारंभ है और न ही अंत,यह एक अनंत चक्र है।
सभा में जुटे 15 हजार लोग
पूर्व राज्यसभा सदस्य और मशहूर शायर बेकल उत्साही ने एक बार 1962 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए बताया था कि बलरामपुर के परेड ग्राउंड में बलराज साहनी की सभा का आयोजन किया गया था, उसमें काफी भीड़ जुटी थी। उस छोटे से कस्बे में करीब 15 हजार लोग साहनी को सुनने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि वो चुनाव बहुत यादगार था क्योंकि उस दौरान बलराज साहनी दो दिन तक बलरामपुर में रुककर कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी का प्रचार करते रहे। इतना ही नहीं, उस चनाव में उन्होंने रिक्शे पर भी प्रचार किया था।
बेहद कम अंतर
बलराज साहनी के प्रचार की बदौलत सुभद्रा जोशी ने चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को 2052 वोट से हराया। सुभद्रा जोशी को उस चुनाव में कुल 1 लाख 2 हजार 260 वोट मिले थे जबकि अटल जी को 1 लाख 208 वोट मिले। सिर्फ एक परसेंट से भी कम वोटों के अंतर से अटल जी को हार का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री योगी ने जताया दुःख
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए उत्तर प्रदेश के मुखिया CM योगी ने कहा “भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।’ उन्होंने कहा श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वाजपेयी जी भारतीय राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा दुःख हुआ। भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) August 16, 2018