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लेट नाइट पार्टियाँ कितनी सुरक्षित ?

माना कि ज़िंदगी जश्न है, एक-एक पल को मस्ती से जीना चाहिए। पर मस्ती कहीं ज़िंदगी के उपर भारी न पड़ जाए इसलिए एक दायरा तय करते हर कदम बढ़ाना चाहिए। बिंदास जीवन का मतलब छिछोरापन हरगिज़ नहीं।

आजकल युवा लड़के-लड़कियां ज़िंदगी के मजे लेने के मूड़ में होते है। और अब तो बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों के लड़के-लड़कियां भी पीछे नहीं। ऐसे में लेट नाइट पार्टी का क्रेज़ बहुत देखने को मिल रहा है। पर ऐसी पार्टियां कितनी सेफ़ है ये सोचे बगैर लड़कियां अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ निकल पड़ती है, जिसका परिणाम कभी-कभी ज़िंदगी बर्बाद कर देता है। ऐसी कई पार्टियों में शराब, सिगरेट, चरस, गांजा भी सरेआम परोसा जाता है। और हम सुनते भी है पढ़ते भी है कि ऐसी पार्टियों में लड़कियों के साथ जबरदस्ती भी होती है। लड़कियों को किसी भी अनजान लड़के पर भरोसा करके उसके हाथ से कोई भी खाने पीने की चीज़ का सेवन नहीं करना चाहिए।

लेटनाइट पार्टियों में युवाओं को एकदूसरे से खुल कर मिलने का मौका मिलता है। ऐसे में कई बार युवाओं के बहकने का खतरा भी होता है। यह उन पर भारी भी पड़ सकता है। जवानी का शुरुर ही ऐसा नशीला होता है। खासकर लड़कियों के लिए ऐसी पार्टियां खतरे से खाली नहीं। छेड़छाड़, बलात्कार और किडनैपिंग की संभावना भी नकारी नहीं जाती।

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इसलिए जरूरत इस बात की है कि लेटनाइट पार्टी में लड़कियां ब्वॉयफ्रेंड के साथ समझदारी के साथ मौजमस्ती करें। पार्टी में मौजमस्ती बुरी नहीं होती पर मौजमस्ती किसी समस्या का कारण न बन जाए इस बात का ख़याल रखना जरूरी होता है। और माँ-बाप का भी फ़र्ज़ बनता है कि अगर आपकी बेटी लेट नाइट पार्टी में जा रही है तो वहाँ के माहौल की जाँच पड़ताल कर लें, जगह कौनसी है, वहाँ का स्टाफ़ कैसा है और किसके साथ जा रही है। पब्स, होटल्स या कहीं भी हो शहर से बाहर ना हो इस बात का भी ध्यान रखें।

लेटनाइट पार्टी का क्रेज़ हर किसी को होता है। वैलेन्टाइन डे और न्यू यर के मौके पर युवा पीढ़ी लेट नाइट पार्टियों में जाना पसंद करती है। टीनएजर्स इस के खास ही दीवाने होते हैं। पहले इस तरह की पार्टियां खास अवसरों पर ही आयोजित होती थीं। अब इन पार्टियों का आयोजन किसी न किसी बहाने होता ही रहता है। टीनएजर्स को भी ये पार्टियां इसलिए अच्छी लगती हैं क्योंकि इन के जरिए वे जिंदगी के मजे अपने दोस्तों के साथ लेना चाहते है। इन पार्टियों में खूब हल्लागुल्ला और शोरशराबा होता है।

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अगर कोई लड़का अपनी गर्ल फ्रेंड को किसी पार्टी में ले जाता है तो पूरी जिम्मेदारी के साथ ले जाना चाहिए अगर कोई ऊंच नीच हो गई तो खुद लड़की की रक्षा करने में सक्षम है या नहीं इस बात को नज़र में रखकर प्लान बनाना चाहिए। और लड़कियों को भी ऐसे ही लड़कों पर भरोसा करना चाहिए जो लड़कियों की पूरी इज्ज़त करता हो और हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम हो। इज्ज़त से बढ़कर कुछ भी नहीं।

पिंजरा

माँ-बाप पूरी छूट देते है तो बच्चों का भी फ़र्ज़ है कि माँ-बाप के भरोसे पर खरे उतरे ऐसा कोई काम न करें जिससे माँ बाप की आबरू पर बट्टा लगे। बेशक ज़िंदगी जश्न मनाने का नाम है, एंजॉय करना चाहिए, पर किसी भी चीज़ का एक हद में रहकर मजा लिया जाए तो बेहतर होगा।

       भावना ठाकर ‘भावु’

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