• माही गिल ‘शबनम’ व डॉ राजकुमारी को मिला ‘नारी गौरव सम्मान 2023’ डॉ अंबेडकर उत्थान परिषद जयपुर के तत्वाधान में महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘नारी गौरव सम्मान 2023’ का आयोजन राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान जयपुर के सियाम ओडीटोरियम मेंआयोजित किया गया। इस वर्ष के सम्मान के लिए देवसाक्षी ...
Read More »Tag Archives: भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर
जिस ओर जवानी चले उस ओर ज़माना चले..
जिस ओर जवानी चले उस ओर ज़माना चलेबुलंद भारत की तस्वीर में रंग भरने का काम आजकल की युवा पीढ़ी बखूबी कर रही है, जरूरत है उनको हर सुविधा उपलब्ध करवाने की। जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है इस कथन को सार्थक करते युवा शक्ति देश ...
Read More »आधुनिकरण ने रिश्तों की मर्यादा ही ख़त्म कर दी!
माना कि ज़िंदगी की जद्दोजहद से जूझते इंसान को कुछ पल खुशियों के, हँसी मजाक के चाहिए होते है जिसका सोशल मीडिया बहुत सुंदर माध्यम है। सोशल मीडिया पर हमें सारी सामग्री मिल जाती है, अच्छी बात है। तो आज बात करते है लोगों को एंटरटेन करने वाले मिम्स और ...
Read More »मंज़िल को हमेशा ही ढूंढना होगा
हर इंसान मुँह में सोने की चम्मच लेकर नहीं जन्मता। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफ़र में खुद को प्रस्थापित करने के लिए जूझना पड़ता है। जीवन संघर्षों का बिहड़ जंगल है और हर किसी के लिए सफलता सबसे अहम होती है। सफ़लता ज़िंदगी के किसी मोड़ पर खड़ी ...
Read More »लेट नाइट पार्टियाँ कितनी सुरक्षित ?
माना कि ज़िंदगी जश्न है, एक-एक पल को मस्ती से जीना चाहिए। पर मस्ती कहीं ज़िंदगी के उपर भारी न पड़ जाए इसलिए एक दायरा तय करते हर कदम बढ़ाना चाहिए। बिंदास जीवन का मतलब छिछोरापन हरगिज़ नहीं। आजकल युवा लड़के-लड़कियां ज़िंदगी के मजे लेने के मूड़ में होते है। ...
Read More »केसरिया: रंगों पर भी काॅपी राइट
आजकल पठान फ़िल्म सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर दीपिका के भगवा रंग के आउटफ़ीट को लेकर बवाल मचा हुआ है। सनातन हिन्दु धर्म में भगवा रंग को पवित्र माना जाता है, जो मंदिरों की ध्वजा से लेकर साधु संतों के द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों ...
Read More »कामकाजी महिला से रत्ती भर कमतर नहीं गृहिणी
“कहते है लोग वक्त ही वक्त है उसके पास, खा-पीकर टीवी ही देखती रहती है कहाँ कोई काम खास, करीब से कोई देखें तो पहचान पाए, मरने का भी वक्त नहीं होता एक गृहिणी के पास” एक आम और मामूली सा शब्द है ‘गृहिणी’ यानि की गृह को संभालने वाली ...
Read More »दूसरी औरत में आख़िर क्या ढूँढते हो!
“क्यूँ अपनी चौखट के चाँद में ही दाग नज़र आता है, परायों के दागदार माहताब में भी नूर नज़र आता है” आजकल समाज में जो दिख रहा है, चल रहा है लग्नेत्तर संबंध का ड्रामा उस पर गौर करते एक सवाल उठता है कि, एक शादीशुदा मर्द दूसरी औरत में ...
Read More »बच्चें दो ही अच्छे!
आज अपनी कामवाली बाई से कुछ बातें हुई! आज उसने पाँच हज़ार रुपये एडवांस मांगे, मैंने ऐसे ही पूछा किस लिए चाहिए? तो बोली, मैडम रूम का भाड़ा देना है! इस महीने दो बच्चें बिमार हो गए तो पगार उनकी दवाई में खर्च हो गया। क्या बताऊँ..जब वो गरीब दो ...
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