स्वतंत्र भारत में जिस खेल में हमारा डोमिनेंस था वो हॉकी था। आजादी के बाद एक खेल जिसने गर्व से हमारे सिर को ऊंचा किया। लेकिन समय के साथ हमने इस शानदार खेल की अपने देश में दर्गति कर दी। चाहे कारण जो भी हो, जिस खेल ने हमें ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल दिए उसे हाशिए पर छोड़ दिया गया।
एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारा डोमिनेंस था। सिर्फ वर्ल्ड कप में भारत के प्रदर्शन अच्छे नहीं रहे। भारत ने एक मात्र वर्ल्ड कप 1975 में जीता है। इसके बाद से हम किसी भी वर्ल्ड कप से सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सके हैं। हालांकि इस बार भारत की उम्मीदें जोश से भरी टीम इंडिया से है।
भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग-फ्लिक खिलाड़ियों में से एक हरमनप्रीत सिंह करेंगे। जिसमें पीआर श्रीजेश और मनप्रीत सिंह जैसे दिग्गज और पूर्व कप्तान युवा प्रतिभाओं से भरी टीम का मार्गदर्शन करेंगे। राउरकेला में टूर्नामेंट के पहले दिन भारत अपने पूल डी अभियान की शुरुआत स्पेन के खिलाफ करेगा।
1971 से 2018 तक भारत ने वर्ल्ड कप में कुल 95 मैच खेले, जिसमें 40 में जीत दर्ज की। वहीं 41 मुकाबले हारे हैं। 14 मैच ड्रॉ भी रहे। वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1975 में रहा, जब भारत ने पहली बार खिताब जीता। इसके बाद भारतीय टीम कभी भी खिताब के करीब नहीं पहुंच पाई। पिछले वर्ल्ड कप का मेजबान भी भारत ही था। 2018 में भारत क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था।
इस बार का हॉकी वर्ल्ड कप ओडिशा में खेला जाएगा। ये लगातार दूसरी बार है जब किसी देश को वर्ल्ड कप होस्ट करने का मौका मिला। ओडिशा के लिए ये गर्व की बात है। 2018 वर्ल्ड में सारे मैच भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में सारे मैच खेले गए थे। लेकिन इस राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम और भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम दोनों जगह मैच खेले जाएंगे। राउरकेला में 20 मैच होंगे जबकि फाइनल सहित 24 मैच भुवनेश्वर में खेले जाएंगे।
गोलकीपर: कृष्ण बहादुर पाठक और श्रीजेश परट्टू रवींद्रन
डिफेंडर्स: जरमनप्रीत सिंह, सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), वरुण कुमार, अमित रोहिदास (उप-कप्तान), नीलम संजीप.
मिडफील्डर : मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, नीलकांत शर्मा, शमशेर सिंह, विवेक सागर प्रसाद, आकाशदीप सिंह.
फॉरवर्ड : मनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, अभिषेक और सुखजीत सिंह.
एक्स्ट्रा प्लेयर : राजकुमार पाल और जुगराज सिंह