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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:जिले में 90 हजार से अधिक लाभान्वित हुईं महिलाएं

• लक्ष्य से अधिक उपलब्धि में आदर्श ब्लॉक सेवापुरी व अराजीलाइन सबसे आगे

• 70 प्रतिशत लाभार्थियों को मिल चुकी है पीएम मातृ वंदना योजना की अंतिम किस्त

वाराणसी। जनपद में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) अपना परचम लहरा रही है। यहां की 90 हजार से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है। वहीं इस जनपद की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं योजना का लाभ लेने में शहरी महिलाओं से काफी आगे हैं। साथ ही कई ब्लाक में लक्ष्य से अधिक महिलाएं लाभन्वित हुई हैं। जनपद के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अराजीलाइन ब्लॉक में लक्ष्य के मुताबिक सर्वाधिक 11,875 (113.8%) और आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 8,653 (112.6%) महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। वहीं चिरईगांव में 9,568 (111.1%), बड़ागांव में 7,893 (108.6%), हरहुआ में 9,542 (107.3%), पिंडरा में 9,768 (106.5%), काशी विद्यापीठ में 8,925 (104.5%), चोलापुर में 7623 (96.5%), शहरी क्षेत्र में 16,408 (31.3%) महिलाओं को लाभ मिला है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। सीएमओ ने बताया कि जनपद में साल 2017 से अब तक 90,285 महिलाओं का योजना के तहत पंजीकरण हो चुका है। लक्ष्य के मुताबिक अब तक करीब 90 फीसदी लाभार्थियों को पहली और दूसरी किश्त मिल चुकी है। जबकि 70 फीसदी महिलाओं को तीसरी व अंतिम किश्त मिल चुकी है।

योजना के तहत जिले में वर्ष 2017 से अब तक करीब 37.10 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष अब तक 11,263 महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है जबकि 6.75 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं। शेष लाभार्थियों की आवश्यक प्रक्रिया पूरी होते ही सभी किश्तें सीधे उनके खाते में पहुंचा दी जाएगी।

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जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है।

लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, #गर्भवती व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है। लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

डिप्टी सीएमओ एवं योजना के नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि जनपद सहित प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत जनवरी 2017 में हुई थी। पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किस्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में दिए जाते हैं।

योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं । पहली किस्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है। दूसरी किस्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है । दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं। तीसरी किस्त #प्रसव के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं।

लाभार्थियों ने भी सराहा- आदर्श ब्लॉक सेवापुरी की रीना देवी (23) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्हें पोषण में मदद मिली। प्रसव के बाद अंतिम किस्त के रूप में 2000 रुपये मिले। उनका कहना है कि यह सरकार की बहुतअच्छी योजना है, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को लाभ मिल रहा है। प्रसव पूर्व व पश्चात क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता ने बहुत मदद की। आंचल देवी (24) बताती हैं कि उन्हें पहली बार मां बनने का सुख मिला साथ ही सरकार की योजना से तीन किश्तों में 5000 रुपए भी मिले। उससे उन्होंने गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन किया। उन्होंने आशा कार्यकर्ता को मदद के लिए धन्यवाद दिया।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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