लखनऊ. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हो सका। फ़िलहाल इसके चयन के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया गया है।
मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष समेत वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव और आज़म खां ने नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि पार्टी मुख्यालय पर आयोजित विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके नेता प्रतिपक्ष और अन्य पदाधिकारियों के चयन के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश को अधिकृत किया गया है। श्री चौधरी ने बताया कि बैठक में चुनाव में पार्टी की हार को लेकर कोई समीक्षा नहीं की गई है। बैठक में उपस्थित नवनिर्वाचित विधायकों ने भाजपा पर मतदाताओं को गुमराह करके चुनाव जीतने का आरोप लगाया। साथ ही विधायकों ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी की बात भी कही। मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि हारे हुए प्रत्याशियों के जरिए तथ्य इकट्ठा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा यह सहमति बनी कि भविष्य में सभी चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों के जरिये ही कराये जाने चाहिये। इसके साथ ही बैठक में आगामी 25 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने संबंधी विषय पर भी चर्चा की गया।अबतक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवपाल यादव, आज़म खां और रामगोविन्द चैधरी का नाम सुर्खियों में रहने के बाद भी इनमें से किसी के नाम पर भी मुहर नही लग सकी। गौरतलब हो कि चुनाव के दौरान शिवपाल यादव सिर्फ जसवन्तनगर तक ही सीमित दिखे थे, लिहाजा इससे अनुमान ये लगाये जा रहे थे कि शायद अखिलेश चाचा शिवपाल को यह जिम्मेदारी नहीं सौपेंगे। लेकिन आज की बैठक में शिवपाल यादव की मौजूदगी ने इस सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। चर्चा यह भी है कि मुलायम के कहने पर अखिलेश अपने चाचा को यह जिम्मेदारी सौंप भी सकते हैं।इसके अलावा अल्पसंख्यक वर्ग और पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के कारण आज़म के नाम पर विचार हो सकता है। इसके साथ ही रामगोविन्द चैधरी को भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में बताया जा रहा है।रामगोविन्द को अखिलेश के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है। दूसरी ओर विधान परिषद में अब अहमद हसन के बजाय अखिलेश यादव द्वारा विपक्ष के नेता का पद संभालने की भी चर्चाएं हैं।