लखनऊ। श्री गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला, लखनऊ में सिखों के सातवें गुरु साहिब श्री गुरु हरिराय का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) आज 03 फरवरी को बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया। शाम का विशेष दीवान 6.15 बजे श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ जो रात्रि 9.30 बजे तक चला। जिसमें हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने शबद कीर्तन गायन एवं आई संगत को नाम सिमरन करवाया।
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ज्ञानी सुखदेव सिंह ने साहिब श्री गुरु हरिराय जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु हरिराय जी का जन्म आज ही के दिन कीरतपुर साहिब में हुआ था। आपके पिता जी का नाम बाबा गुरदित्ता जी एवं माता जी का नाम निहाल कौर जी था। आप बचपन से ही गुणी व साधु स्वभाव के थे। प्रातः उठ कर वाहिगुरु का सिमरन करते थे आप में सभी गुण देखकर आप के दादा छठे गुरु श्री गुरु हरिगोबिन्द साहिब जी बहुत प्रसन्न हुए और 14 वर्ष की आयु में आप को गुरु गद्दी सौंप दी।
जब पंजाब में अकाल पड़ गया और मनुष्य रोटी के एक-एक टुकड़े को तरसने लगा तो आपने अपने दादा-परदादा द्वारा बताये गये उपायों द्वारा उनकी मदद की और दूसरे प्रान्तों के धनी सिखों ने भी अकाल पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित किया। दुखी गरीबों को वाहिगुरु के सिमरन से ठीक करते और बीमार लोगों के लिए एक बहुत बड़ा दवाखाना बनवाया जहां मुफ्त दवा दी जाती थी शाहजहां का बेटा दारा शिकोह जब बीमार पड़ गया तो इसी दवाखाने से उसका इलाज हुआ था। उनके पास गुरु हरिगोबिन्द साहिब जी की आज्ञा से 2200 घुड़सवार भी थे जो जरुरत मन्दों की सहायता के लिये तैयार रहते थे। जब औरंगजेब तख्त पर बैठा तो उसने गुरु जी को बुला भेजा। गुरु जी नही गये उन्होंने अपने बड़े पुत्र बाबा रामराय जी को भेज दिया। औरंगजेब ने सिखी के बारे में कई प्रश्न किये।
रामराय जी ने दी गई शिक्षा और मर्यादा में रहकर जवाब नहीं दिया। जब गुरु जी को रामराय जी की इस कमजोरी व झूठ का पता चला तो गुरु जी ने आप को त्याग कर अपने छोटे पुत्र गुरु हरिक्रिशन जी को गुरु गद्दी सौंप दी। रागी जत्था भाई प्रीतम सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा चन्दर नगर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह ‘‘मीत’’ ने किया।
दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगत को साहिब श्री गुरु हरिराय जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी। तत्पश्चात् दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों नें गुरु का लंगर श्रधालुओं में वितरित किया गया।
शिरोमणि भक्त रविदास जी का जन्मोत्सव 05 फरवरी रविवार को सायं के दीवान में श्री गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जायेगा। समाप्ति के उपरान्त पुलाव का लंगर श्रधालुओं में वितरित किया जायेगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी