भयानक नकदी संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अब रोजाना देशवासियों पर ही नया जुल्म ढाना शुरू कर दिया है।
पहले से ही आसमान छूती महंगाई,बिजली-पानी, एलपीजी गैस, पेट्रोल, खाद्यान्न और दवा के संकट से हलकान पाकिस्तानियों पर सरकार ने अब नया बोझ डालने की तैयारी कर ली है।
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शहबाज शरीफ कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) जल्द ही 150 दवाओं की कीमतों में वृद्धि को मंजूरी देने वाली है। एक दिन पहले ही वित्त मंत्री इशाक डार ने चार महीने के अंदर पाकिस्तानियों से 170 अरब रुपये टैक्स वसूली करने का ऐलान किया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सभी सिफारिशें मानने को बाध्य पाकिस्तान ने बिजली दरों में भी बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। इससे पहले भी पिछले महीने पाकिस्तान में बिजली की दरों में इजाफा किया जा चुका है।
पाकिस्तान 2019 में इमरान खान सरकार के दौरान आईएमएफ के छह अरब डॉलर कार्यक्रम का हिस्सा बना था, जिसे पिछले साल बढ़ाकर सात अरब डॉलर कर दिया गया था। कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा 1.18 अरब डॉलर जारी करने के लिए आईएमएफ अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही थी, जो फेल हो गई है।
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वित्त मंत्री ने नए टैक्स का ऐलान IMF द्वारा लोन की किश्तें जारी करने पर कोई फैसला नहीं लिए जाने और आईएमएफ की टीम के लौटने के फौरन बाद किया। इससे पहले दस दिनों तक आईएमएफ की टीम प्रधानमंत्री शरीफ के अनुरोध पर बेलआउट पैकेज देने के लिए आर्थिक मसौदे पर पाकिस्तानी पक्ष से बातचीत कर रही थी।