पुरी में बाहुड़ा यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यात्रा से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बाहुड़ा यात्रा भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के नौ दिन के प्रवास के अंत का प्रतीक है।
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आज भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर श्री गुंडिचा मंदिर से श्री मंदिर लौटेंगे। भारी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा इन रथों को खींचा जाएगा। बाहुड़ा यात्रा को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
बाहुड़ा यात्रा के लिए सभी अनुष्ठानों का कार्यक्रम तय है। परंपरा के अनुसार गुंडिचा मंदिर में सभी अनुष्ठान पूरे होने के बाद, दोपहर 12 बजे देवताओं की ‘पहांडी’ निकाली जाएगी। शाम 4 बजे रथों को खींचने की परंपरा निभाई जाएगी।
रथों को खींचने की विधि पूरी होने के बाद, रथों के ऊपर अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अनुसार सभी अनुष्ठानों को सुचारू और अनुशासित तरीके से आयोजित करने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं।
बाहुड़ा यात्रा के लिए भारी पुलिस बल तैनात
ओडिशा के एडीजी (कानून और व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि ‘अनुष्ठानों के अनुसार, सुबह 8 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हुआ। सुबह 6 बजे से ही पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। उन्होंने बताया कि हमारी मुख्य चिंता यातायात है।
इस साल की यातायात व्यवस्था, सबसे बेहतरीन यातायात व्यवस्थाओं में से एक, हर कोई इसकी सराहना कर रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को भी उन्नत किया गया है और हमारा प्रयास है कि जब भक्त देवताओं को खींच रहे होंगे, तब कोई समस्या न हो। न ही कोई भी अप्रिय घटना घटे, सब कुछ ठीक से व्यवस्थित है। पूरा शहर सीसीटीवी से कवर है। एआई भी अच्छी तरह से काम कर रहा है।’