प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे, आधुनिक सुविधाओं से लैस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे सेक्शन के दिल्ली-दौसा-लालसोट का उद्धाटन करेंगे। इससे दिल्ली-जयपुर के सफर का समय कम होगा। इसके साथ ही सड़क यात्रियों को एक्सप्रेस-वे पर यात्री सुविधा केंद्र, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग स्टेशन, ट्रामा सेंटर आदि सुविधाएं मिलेंगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन 246 किलोमीटर लंबा है। इस सेक्शन को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय कम हो जाएगा। इससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस है। इसकी कुल लंबाई 1386 किलोमीटर है। इसके बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच की यात्रा दूरी में 12 प्रतिशत की कमी आएगी और सड़क की लंबाई 1424 किलोमीटर से कम होकर 1242 किलोमीटर रह जाएगी। यात्रा के समय में भी 50 प्रतिशत की कमी आएगी। एक्सप्रेस-वे से छह राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा तथा कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे मुख्य शहरों को जोड़ेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तमाम विशेषताएं हैं। एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रास्ते के किनारे 94 साइट सीन और सुविधाएं होंगी। इस पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 8 लेन का एक्सेसे कंट्रोल होगा, जिसे भविष्य में 12 लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा।
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इस परियोजना के निर्माण के लिए 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया जाना है जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा एक्सप्रेस-वे है, जहां वन्य जीवों के लिए ओवरपास की सुविधा दी गई है। एक्सप्रेस-वे पर अत्याधुनिक स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली होगी। इससे यातायात नियंत्रण में आसानी होगी।
एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गतिशक्ति आर्थिक संकुलों, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ बहुविध लॉजिस्टिक पार्कों को भी सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट, नवी मुम्बई एयरपोर्ट और जेएनपीटी पोर्ट जैसी निर्मित होने वाली ग्रीनफील्ड बुनियादी परियोजनाओं को भी फायदा पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे से आसपास के सभी क्षेत्रों की विकास-दिशा पर निर्णायक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस तरह देश के आर्थिक बदलाव में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित होगा।