लखनऊ। “विश्व रेडियो दिवस” के उपलक्ष्य में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा “पत्रकारिता के समकालीन युग में कैरियर के अवसर” पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। दूरदर्शन में सहायक निदेशक आत्म प्रकाश मिश्रा इस दिन के अतिथि वक्ता थे।
“श्री अन्न” पूजा के साथ शुरू हुआ मिलेट्स महोत्सव
कार्यक्रम की शुरुआत पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रोफेसर डॉ मुकुल श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने छात्रों को अपने शब्दों से संबोधित किया। श्री मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने इस क्षेत्र में अच्छे संचार के महत्व के बारे में विस्तार से बात की और बताया कि कैसे संचार वह आधार रेखा है जो अन्य सभी क्षेत्रों को संबद्ध रखता है। उन्होंने आगे एक अच्छी पटकथा लिखने के लिए आवश्यक गुणों के साथ-साथ मंच संचालन के बारे में भी बताया जिससे छात्रों को समान रूप से लाभ हुआ।
प्रेरणादायक है द्रौपदी मुर्मू का जीवन
अपने अनुभव को विस्तार से बताते हुए उन्होंने छात्रों को पेशेवर जीवन में अच्छी तरह से काम करने के लिए भौतिक भागफल, बुद्धि भागफल, भावनात्मक भागफल और आध्यात्मिक भागफल जैसे विभिन्न पहलुओं का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया।
शिक्षा, सभी छात्र-छात्राओं के भौतिक एवं बौद्धिक विकास में सहायक होती है- योगेन्द्र उपाध्याय
कार्यक्रम के अंत में आमंत्रित अतिथि को सुरभि यादव, सहायक प्राध्यापक ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस कार्यक्रम की मेजबानी प्रथम वर्ष की छात्रा नमरा जुबैर ने की और एमए (जेएमसी) के प्रथम वर्ष के एक अन्य छात्र श्वेतांक कातायन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।
भूगोल विभाग की MA सेमेस्टर तृतीय की छात्रा सुहानी ने मिलेट्स के महत्व पर स्वरचित कविता कही और आकाशवाणी से अनामिका श्रीवास्तव ने चकिया पर लोक गीत गा कर बाजरा ज्वार के महत्व को समझाया।