मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था को लेकर शुरू किए गए अभियान के तहत गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सात अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मुरादाबाद में जमीन घोटाले में संपत्ति प्रबंधक अमित शुक्ला, अधीक्षण अभियंता प्रमोद कुमार और उप आवास आयुक्त लक्ष्मण प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं गाजियाबाद में फर्जी पावर ऑफ अटार्नी पर जमीन की रजिस्ट्री करने के आरोप में चार उपनिबंधकों नवीन राय, सुरेंद्र चंद्र मौर्य, रवींद्र मेहता और अवनीश राय को निलंबित किया गया है।
मुरादाबाद में आवास विकास परिषद की मंझोला आवासीय योजना में करोड़ों रुपये की जमीन को चहेतों को बेचने का खेल खेला गया। नियमों के अनुसार व्यावसायिक जमीनों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिए, लेकिन इन तीनों अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर इन्हें चहेतों को कम कीमत पर बेच दिया। इन अधिकारियों ने पहले ई-नीलामी से इन जमीनों के लिए आवेदन तो मांगे, लेकिन बाद में इसे निरस्त करते हुए कम दामों पर आवंटित कर दिया गया। इससे आवास विकास परिषद को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
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गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में उत्तर प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों के मुख्तारनामों के पंजीकरण यानी पावर ऑफ अटार्नी के माध्यम से भारी संख्या में जमीन और अन्य संपत्तियों के अवैध अंतरण की शिकायत शासन को मिली थी। प्रमुख सचिव स्टांप एवं पंजीकरण वीना कुमारी मीना ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। जांच में संगठित गिरोह के साथ ही विभागीय उपनिबंधकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय की टीम ने गुरुवार को छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हरदोई, फर्रुखाबाद, लखनऊ व बाराबंकी समेत छह जिलों में 20 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा। शैक्षिक संस्थानों और उनके संचालकों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापों में फर्जीवाड़े से संबंधित काफी साक्ष्य ईडी को मिले हैं। ईडी को मनी लांड्रिंग किए जाने की आशंका है।
फर्रुखाबाद में ईडी ने डॉ ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट टेक्नालॉजी और माडर्न अल्ट्रासाउंड सेंटर पर एक साथ छापा मारा। ईडी की टीमों ने इंस्टीट्यूट में काफी देर तक जांच की। इंस्टीट्यूट के चेयरमैन शिवम गुप्ता हैं, जबकि मॉडर्न अल्ट्रासाउंड सेंटर डॉ प्रभात का है।
अपर आवास आयुक्त एवं सचिव नीरज शुक्ला और अपर आवास आयुक्त उदयभानु त्रिपाठी की दो सदस्यीय कमेटी बनाते हुए इसकी जांच कराई गई। दोनों अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो शिकायत को सही पाया गया। जांच में पाया गया कि जमीन को कम दरों पर आवंटित किया गया है।