भारत के लिए G20 डिजिटल अर्थव्यवस्था एजेंडा ऑनलाइन मोड में मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व के बारे में स्पष्ट शब्दों में बात करता है। इसको रखते हुए डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय में डिजिटल मानवाधिकारों पर अंत: विषय व्याख्यान का समापन हुआ।
ट्रांसजेंडर के बेहतर स्वास्थ्य और मुख्य धारा में लाने पर मंथन
उक्त व्याख्यान उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग एवम डॉ राम मनोहर लोहिया राष्टीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे प्रोजेक्ट “डिजिटल मानवाधिकार : उत्तर प्रदेश राज्य में उभरते आयाम एवम चुनौतियां” के तहत प्रो एसके भटनागर, कुलपति आरएमएलएनएलयू, न्यायमूर्ति बाला कृष्ण नारायण अध्यक्ष, यूपीएचआरसी और डॉ एपी सिंह विभागाध्यक्ष, आरएमएलएनएलयू के सरंक्षण में चल रहा था।
प्रोजेक्ट निदेशक डॉ अमनदीप सिंह और डॉ विकास भाटी ने सभी अतिथि वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अंत: विषय व्याख्यान के अंतिम दिन में भी डिजिटल मानवाधिकारों पर जोरदार चर्चा हुई।
इस प्रोग्राम में डॉ अलका सिंह फैकल्टी (अंग्रेजी) विधि विश्वविद्यालय, डॉ प्रेम कुमार गौतम फैकल्टी (लॉ) विधि विश्वविद्यालय, दीनबंधु वत्स (पैरवी,नई दिल्ली ), डॉ केशरी नन्दन शर्मा, फैकल्टी (लॉ) बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी व डॉ अपनजोत सहोता, फैकल्टी (लॉ)दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने अपने विषय से जुड़े मानवाधिकारों से संबंधित डिजिटल आयामों पर विचार सांझे किये।
सारे वक्ताओं ने डिजिटल मानवाधिकारों की अवधारणा को काफी गंभीर विषय बताया। प्रोग्राम निदेशक डॉ अमन दीप सिंह व डॉ विकास भाटी के धन्यवाद ज्ञापन के बाद उक्त प्रोग्राम का समापन हुआ।