• लगभग 3 साल से पिछड़े और दलित वर्ग के छात्र दर दर की ठोकरें खा रहे हैं और पिछड़े और दलित वर्ग की सीटों को योगी सरकार ने हड़प लिया
• बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव कर रहे दलित पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ बल प्रयोग निंदनीय
लखनऊ। तीन सालों से 69000 शिक्षक भर्ती में जिस प्रकार से दलित और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को यूपी सरकार आरक्षण देने में विफल रही है, उससे दलित पिछड़ा वर्ग विरोधी और सामाजिक न्याय विरोधी सरकार का चेहरा उजागर हो गया है।
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आरक्षित वर्ग के आंदोलनरत छात्रों के ऊपर बल प्रयोग करना बेसिक शिक्षा मंत्री का उनसे मुलाकात ना करना और आरक्षण को सही ढंग से लागू ना करना तथा 3 साल से लगातार आंदोलनरत छात्रों से वादाखिलाफी करना सरकार की एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है
पिछड़ा वर्ग विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अपने पिछड़ा और दलित विरोधी कृत्यों के लिए पूरे देश में बदनाम है। 69000 शिक्षक भर्ती में जिस प्रकार से 3 साल से पिछड़े और दलित वर्ग के छात्रों के साथ वादाखिलाफी जोर-जबर्दस्ती और नाइंसाफी हो रही है उससे यह सच साबित हो गया है कि योगी और उनकी पूरी सरकार पिछड़ों और दलितों के हक को लूटना चाहती है।
विधानसभा चुनाव के समय जनता में उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्वीकार किया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया गलत ढंग से लागू की गई है जिससे आरक्षित श्रेणी के लगभग 15000 छात्रों को उनकी आवंटित नहीं हुई है चुनाव के समय योगी जी ने 6800 आरक्षित श्रेणी के छात्रों को अलग से नौकरी देकर यह दर्शाने का प्रयास किया था कि वह दलित पिछड़ों के साथ है।
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लेकिन चुनाव बीतने के बाद भाजपा अपनी पुरानी नीति दलित पिछड़ा विरोधी मानसिकता के तहत उनको उनकी सीटें नहीं दे रही है जिसके लिए छात्र लगातार आंदोलनरत है सामाजिक न्याय गरीबों दलितों पिछड़ों और वंचितों के हक की लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ पूर्णता खड़ी है। उत्तर प्रदेश सरकार 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्गों के हितों की पूर्ति नहीं करती है तो कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक इसके लिए संघर्ष करेगी ।