कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ब्रिटेन में भारत के लोकतंत्रिक व्यवस्था को लेकर दिए अपने बयानों पर घिरते नजर आ रहे हैं। सरकार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनसे माफी की मांग की है।
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राहुल अगर माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की पहल भी की जा सकती है। उन्हें संसद से निलंबित करने की संभावना तलाशने के लिए बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से संपर्क साधा और एक विशेष समिति बनाने की मांग की है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ विशेषाधिकार का मुद्दा नहीं है, यह उससे बहुत आगे की बात है।
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इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था, ”बीजेपी राहुल गांधी के मुद्दे को बहुत गंभीर मानती है। यह विशेषाधिकार के मुद्दे ऊपर की बात है। हम चाहते हैं कि इसे गंभीरता से लिया जाए। मेरी पार्टी सभी नियमों और परंपराओं का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी। राष्ट्र से जुड़ी कोई भी चीज सभी के लिए चिंता का विषय है। अगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देश का अपमान करते हैं तो हम चुप नहीं रह सकते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने जो कहा उससे देश को नुकसान हुआ है। इससे सदन को नुकसान पहुंचा है। कुछ लोगों को देश की प्रतिष्ठा की परवाह नहीं है।” भाजपा के द्वारा माफी की मांग पर राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कोई भारत विरोधी बात नहीं कही है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे अनुमति दी गई तो मैं संसद में बोलूंगा।
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एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि बीजेपी ने 2005 में कैश-फॉर-क्वेरी स्कैंडल की जांच के लिए गठित पैनल की तर्ज पर एक विशेष समिति गठित कराने के लिए स्पीकर से संपर्क किया है। यदि एक समिति का गठन किया जाता है तो भाजपा के पास लोकसभा में बहुमत है। आपको बता दें कि विशेष समिति आमतौर पर एक महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।