दिल्ली से देहरादून को जोड़ने के लिए बन रहे छह लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी पर है। 15 मार्च तक दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले दो चरणों की समीक्षा की गई, जिसमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक्सप्रेसवे कार्य तय लक्ष्य के अनुरूप पाया है। इसके बाद एनएचएआई ने नवंबर से दिसंबर के बीच निर्माण पूरा करने की संभावना जताई है।
उसके बाद जनवरी और फरवरी 2024 में एक्सप्रेसवे पर वाहनों का ट्रायल रन किया जाएगा। इस बीच ही एक्सप्रेसवे के लिए बन रही एलिविटेड रोड पर भार क्षमता यानी लोड टेस्ट भी किया जाएगा। उसके बाद फरवरी अंत या मार्च के पहले सप्ताह में एक्सप्रेसवे वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।
एनएचएआई से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। अक्षरधाम से यूपी बॉर्डर (लोनी) तक पहले चरण का काम 40 फीसदी पूरा हो गया है। इस चरण में पिलर खड़े करने का काम भी करीब 70 फीसदी पूरा हो गया है। इसके बाद पिलर के ऊपर गॉर्डर (स्पैन) रखने का काम चल रहा है।
लोनी के हिस्से में कुछ पिलर खड़े होने बाकी हैं, जिन्हें एक से डेढ़ माह में खड़ा कर लिया जाएगा। एक्सप्रेसवे बनने पर पश्चिमी यूपी में गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर व अन्य जिले भी सीधे दिल्ली और देहरादून से जुड़ जाएंगे।
अभी तक दिल्ली से देहरादून जाने में करीब पांच घंटे लगते हैं। मौजूदा वक्त में गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की के रास्ते वाहन देहरादून तक जाते हैं, जिसकी लंबाई करीब 250 किलोमीटर है। एक्सप्रेसवे बनने पर यह दूरी घटकर 210 किलोमीटर रह जाएगी। इससे करीब सवा दो घंटे में बिना रुके वाहन देहरादून तक जा सकेंगे
जिस हिस्से में पिलर रखने का काम शुरू हो गया है, सड़क भी तैयार की जा रही है। उधर, दूसरे हिस्से में लोनी बॉर्डर से बागपत (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे) तक का काम भी करीब 45 से 50 फीसदी पूरा हो गया है। करीब दो किलोमीटर हिस्से में पिलर के ऊपर गॉर्डर (स्पैन) रखने का काम पूरा हो गया है। बाकी हिस्से में पिलर तैयार करने का काम करीब 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है।