मोदी सरनेम पर सजा के बाद अब राहुल गांधी की मुश्किलें वीर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बातें कहने को लेकर बढ़ रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद में कोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से कराने का आदेश दिया है।
एमपीएमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीष श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के लिए छह जून की तारीख तय कर हजरतगंज पुलिस को आदेश दिया कि वह जांच कर एक माह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे।
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव नृपेंद्र पांडेय ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की थी। आरोप लगाया था कि भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान जानबूझकर षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को सार्वजनिक मंच से सावरकर की अमर्यादित आलोचना की। देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है।
अर्जी में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय विचारधारा के महानायक क्रांति वीर विनायक दामोदर सावरकर को राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर अनेकों दोषारोपण किया है।
कोर्ट ने हजरतगंज के थाना प्रभारी को आदेश दिया कि वह मामले की जांच से एक माह में कोर्ट को अवगत कराए। कोर्ट ने कहा कि मामला देखने से पता चलता है कि राहुल गांधी दिल्ली के रहने वाले हैं जबकि उनके द्वारा जिस मानहानिकारक बयान देने की बात कही गई है, वह महाराष्ट्र के अकोला का है। यह दोनों ही जगहें कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर है, लिहाज़ा ऐसे में पुलिस से जांच कराया जाना आवश्यक है।