विस्तारवादी नीति की वजह से दुनियाभर में बदनाम हो चुका चीन (China) सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले तीन सालों से विवाद चल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा कि बाराहोती के सामने, जहां अतीत में दोनों देशों का आमना-सामना हुआ है, चीनी तीव्र गति से गांवों का निर्माण कर रहे हैं। कभी-कभी 90-100 दिनों के भीतर बहुमंजिला ब्लॉकों में 300-400 घर बना रहे हैं।
गश्त में बढ़ोतरी के बारे में सूत्र ने कहा कि पीएलए की गश्त 15 दिनों या उससे भी कम समय में देखी गई है, जबकि पहले एक सीजन में एक बार गश्त की जाती थी, जो लगभग तीन या चार महीने होती है। माणा, नीति और थंगला इलाकों में भी छोटे-छोटे गश्ती दल देखे जा रहे हैं।
क्या महत्त्वहीन हो रहा है आंगनबाड़ी का लक्ष्य?
कई प्वाइंट्स से तो डिसएंगेजमेंट हो चुका है, लेकिन अब भी दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है। हिंसक घटनाओं में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को कई बार मुंहतोड़ जवाब दिया है।
इस बीच, चीन मध्य क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के विपरीत मॉडल गांवों या ‘शियाओकांग’ (मध्यम समृद्ध) गांवों के नेटवर्क का विस्तार करना जारी रखे हुए है। इसके अलावा, मध्य क्षेत्र में एलएसी से लगभग 6 या 7 किलोमीटर की दूरी पर नई चौकियां भी बन रही हैं और कुछ क्षेत्रों में पेट्रोलिंग की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ा दी गई है।