उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी सपा के साथ नजदीक आती तो दिख रही है, लेकिन यूपी में सपा की धुरी वाले विपक्षी गठबंधन में क्या कांग्रेस शामिल होगी यह बड़ा सवाल है। संभव है कि इस अहम सवाल का जवाब इसी महीने पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में निकल आए या फिर कुछ दिशा में बात बनती दिखे।
उधर अखिलेश यादव लगातार इस बात को कह रहे हैं कि यूपी में सपा ही भाजपा को रोक सकती है। इसलिए कोई भी विपक्षी गठबंधन बने, उसे सपा नेतृत्व करेगी जाहिर है कि सीटें बांटने का काम भी सपा को ही करना है। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह पहले भी अखिलेश यादव से मुलाकात करते रहे हैं लेकिन मिल कर चुनाव लड़ने की बात परवान नहीं चढ़ पाई।
आम आदमी पार्टी व सपा अभी गठबंधन पर चुप्पी साधे हैं लेकिन अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए बनी नजदीकी गठबंधन में तब्दील हो जाए तो कोई हैरत नहीं। आम आदमी पार्टी का हालांकि यूपी में ज्यादा आधार नहीं है। यह पार्टी पहले भी सपा से गठबंधन की इच्छुक दिखी थी।