बारिश के मौसम में लाल-सफेद रंग के छोटे-छोटे फल अक्सर मार्केट में मिलते हैं। ये करौंदा होता है जो चटनी बनाने के काम में ज्यादा आता है। स्वाद में खट्टे और कसैले ये फल गर्मी और बारिश में सबसे ज्यादा पनपते हैं।
जिसे कई बार लोग क्रेनबेरी समझ लेते हैं। लेकिन करौंदा क्रेनबेरी से काफी अलग होता है। लेकिन इसके फायदे क्रेनबेरी से कम नही हैं। करौंदा सीजनल फल है और इसे सीजन में खाने से हेल्थ को काफी सारे फायदे होते हैं। आयुर्वेद में करौंदे को गुणों का खजाना माना गया है और इसे खाने से ढेर सारे जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं।
न्यूट्रिशन है भरपूर
करौंदे में ढेर सारे जरूरी न्यूट्रिशन होते हैं। विटामिन सी के साथ ही बी और आयरन भरपूर होता है। वहीं एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर करौंदा में एल्केलॉएड्स, फ्लेवेनॉएड्स जैसे तत्व हैं जो इसे बॉडी के लिए बेनिफिशियल बनाते हैं। करौंदा को डाइट में शामिल करने से इन बीमारियों में राहत मिलती है।
स्किन इंफेक्शन से बचाव
करौदे के जूस और ड्राई करौंदे में एंटी फंगल और एंटी ऑक्सीडेंट के साथ ही एंटी इंफेलेमेटरी तत्व पाए जाते हैं। जिससे ये फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
अपच में राहत
करौंदे में सॉल्यूबेल फाइबर की अच्छी खासी मात्रा होती है। जिसकी वजह से ये बाउल मूवमेंट को सही करने में मदद करता है। जिससे खाने को पचने में मदद मिलती है। करौंदे में पेक्टिन होता है जो डाइजेशन को इंप्रूव करने में मदद करता है।
भूख बढ़ाने में करता है हेल्प
करौंधा का खट्टा और कसैला स्वाद भूख बढ़ाने में मदद करता है। ये पेट के कीड़ों को मारने के साथ ही जीभ के टेस्ट बड्स को बढ़ाता है। जिससे खाने का टेस्ट अच्छा लगता है।
लीवर के लिए फायदेमंद
स्टडी में पता चला है कि करौंदे के रस को खाने से लीवर डैमेज नहीं होता। करौंदे के रस में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो लीवर की सूजन और यूरिक एसिड को कम करते हैं। जिससे लीवर की बीमारियां कम होने के चांस रहते हैं।