हिंदी सिनेमा में संजय मिश्रा ऐसे अभिनेता हैं, जो एक तरफ बड़ी-बड़ी व्यावसायिक फिल्में करते हैं, तो वहीं कुछ ऐसी फिल्मों का भी चुनाव करते हैं, जो कहीं न कहीं सामाजिक संदेश देती हैं।
और, एक अभिनेता के तौर पर उन्हें ऐसे किरदार निभाने का मौका मिलता है, जिसमें उनकी परफॉर्मेंस पूरी तरह से निखर कर आती है। ‘वध’ और ‘कोट’ के बाद उनकी इस साल एक और फिल्म ‘गुठली लड्डू’ रिलीज हो रही है, जो शिक्षा के अधिकार की बात करती है।
फिल्म ‘गुठली लड्डू’ सामाजिक भेदभाव जैसे मुद्दे के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार की भी बात करती हैं। इस फिल्म में अभिनेता संजय मिश्रा स्कूल के प्रिंसिपल की भूमिका निभा रहे हैं, जो फिल्म में गुठली के शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ता है। यह फिल्म सामाजिक परिवर्तन की ओर एक साहसिक पहल है। यह फिल्म न सिर्फ गुठली की कहानी है, बल्कि गुठली जैसे कई लोगों की कहानी है, जो हाशिए पर रहने वाले समुदायों को शिक्षा के लिए प्रेरित करती है।
अभिनेता संजय मिश्रा की पिछली फिल्म ‘कोट’ में भी सामाजिक विषमताओं पर करारा प्रहार किया था। समाज में सबकी बराबरी की बात तो होती है, लेकिन आज भी यह सबसे बड़ा सवाल है कि क्या सबको बराबरी का दर्जा मिला है? फिल्म ‘गुठली लड्डू’ में उन संघर्षों और सपनों का प्रतिबिंब है, जिनका कई लोगों को अपनी जीवन यात्रा में सामना करना पड़ता है। मनोरंजन के साथ-साथ इस फिल्म के जरिए बहुत ही खूबसूरत संदेश देने की कोशिश की गई है।