उत्तर प्रदेश के नोएडा में हरियाणा के जींद जिले की पुलिस ने छापा मारकर वहां चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने अंतरराज्यीय ठग गिरोह के दो युवकों और पांच युवतियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के कब्जे से 23 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, एक लैपटॉप बरामद किया। सभी आरोपियों को शनिवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने युवक लक्ष्य को पांच दिन के रिमांड पर लिया जबकि युवतियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डीएसपी संदीप सिंह ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि गांव हरीगढ़ निवासी सीमा ने 18 अगस्त को साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 21 जुलाई को उसके फोन पर काॅल आई। काॅल करने वाले व्यक्ति ने उसे आईआरडीएआई में अधिकारी बताया और उसकी एक बीमा पॉलिसी रिफंड करवाने का आश्वासन दिया।
आरोपियों ने ऑनलाइन ही कुछ फार्म भरवाए। फिर उसके 30 लाख रुपये हड़प लिए गए। पुलिस ने सीमा की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। साइबर थाना पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो नोएडा के सेक्टर-62 में चल रहे एक कॉल सेंटर का नाम सामने आया, जहां से फर्जी कॉल किए जा रहे थे।
जब पुलिस ने लोकेशन के आधार पर छापा मारा तो इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने फर्जी काॅल सेंटर में काम करने वाले गाजियाबाद निवासी लक्ष्य, गौतमबुद्ध नगर निवासी अमन कुमार, गाजियाबाद निवासी दीपा, डोली, नोएडा निवासी वंशिका, निशा, ईस्ट दिल्ली निवासी फिजा को काबू किया। जबकि गिरोह का सरगना नोयडा निवासी सौरभ फरार होने में कामयाब रहा। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार नोएडा तथा आसपास के क्षेत्र में दबिश दे रही है।
गूगल पर अलग-अलग कंपनियों के नाम से डाल देते थे अपने नंबर
डीएसपी संदीप सिंह ने बताया कि ये लोग गूगल पर अपने मोबाइल नंबरों को अलग-अलग कंपनियों के हेल्पलाइन नंबरों के रूप में डाल देते थे। बहुत से लोग जब किसी भी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर सर्च करते तो कई बार इनके नंबर मिल जाते थे। जब कोई भी व्यक्ति इन नंबरों पर कॉल करके सहायता मांगता तो ये लोग उसके साथ ठगी करते थे। गिरोह का सदस्य लक्ष्य एमए पास है, जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपी दसवीं पास हैं।