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लेफ्ट विंग चरमपंथ का 2 साल में पूरी तरह से कर देंगे सफाया, गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि वह आने वाले दो वर्षों में देश से नक्सलवाद एवं लेफ्ट विंग चरमपंथ का पूरी तरह से सफाया कर देंगे। दिल्ली में लेफ्ट विंग चरमपंथ पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ने यह बयान दिया।

इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और नक्सल प्रभावित राज्यों के सभी प्रमुख मौजूद थे। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजित डोभाल की भी मौजूदगी रही।

शाह ने कहा-2022 में सबसे कम हुई हिंसा

नक्सल समस्या पर केंद्र एवं राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीते चार दशकों में साल 2022 में सबसे कम हिंसा और नक्सली हमलों में मौत हुई। देश से लेफ्ट विंग चरमपंथ को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक रोडमैप बनाने के उद्देश्य से बुलाई गई इस बैठक में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और संचार राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान मौजूद रहे।

बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख भी शामिल हुए

बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों के गृह एवं मुख्य सचिवों के अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के डाइरेक्टर तपन डेका, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, सशस्त्र सीमा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड एवं इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के महानिदेशक भी शामिल थे।

2022 में हिंसक घटनाओं में 77% की कमी आई

अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 2010 के उच्च स्तर के मुकाबले 2022 में 77 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 तक, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2014 से 2023 तक (15 जून 2023 तक) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं हुई हैं और 2,020 मौतें हुई हैं।

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