रायबरेली।कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले के लिए दुकाने सजने लगी है लेकिन मेला स्थल पर भारी दुर्व्यवस्था है और जिम्मेदार मौन है।कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर बड़ा मेला लगता है तीन दिन तक चलने वाले इस मेले मे रायबरेली,प्रतापगढ़,फ़तेहपुर और अमेठी जिलों से लाखो की संख्या मे दर्शनार्थी आते है पूर्णिमा के एक दिन पहले से मेला शुरू होता है
मेला स्थल पर भारी दुर्व्यवस्था जिम्मेदार मौन
जिले मे डलमऊ के बाद यहां दूसरा बड़ा मेला लगता है लेकिन मेला स्थल पर भारी अव्यवस्था है जहां पर मेला लगता है उस जगह पर बड़ी बड़ी झाड़ियाँ उगी हुई है गोकना घाट से बादशाह पुर गंगा घाट तक मेला लगता है लेकिन दोनों घाटो के बीच केवल पगडंडी के अलावा कोई रास्ता नहीं है। गोकना गंगा घाट के किनारे मेला स्थल पर कुल 14 नल लगे हुए है जिनमे अधिकतर खराब पड़े है इंडिया मार्का हैंडपाइप भी अधिकतर खराब है यही नहीं विभिन्न निधि से गंगा तट पर कुल 9 सोलर लाइट लगी हुई है जिनमे से कोई भी सोलर लाइट काम नहीं कर रही है गंगा तट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है
स्थानार्थियों को स्नान करना है वहाँ पर कूडे का ढेर
जहां पर स्थानार्थियों को स्नान करना है वहाँ पर कूडे के ढेर लगे हुए है गोकना घाट तक जाने वाले प्रमुख मार्गो की पटरियाँ भी क्षतिग्रस्त है जमुनापुर से गोकना मार्ग की मरम्मत की गयी है लेकिन वह भी आधी अधूरी है मेला स्थल पर बाहरी दुकानों का आना शुरू हो गया है दुकाने सजने लगी है सर्कस,झूले और जादूगरों की टोलियाँ पहुँच गयी है मेला स्थल पर अस्थायी शौचालय के लिए काफी पहले से मांग चल रही है लेकिन इस दिशा मे अभी तक शौच के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे मे दर्शनार्थी खुले मे शौच करेंगे मेला स्थल पर एक दिन पहले से बाहरी जिलों और सलोन ,परसदेपुर,डीह,छतोह,गौरीगंज,जायस से लोग यहाँ पर आ जाते है रात भर मेला स्थल पर ही रहते है उनकी सुविधा को कौन कहे उनके ठहरने तक की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रदीप वर्मा ने बताया
उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा का कहना है कि मेला स्थल पर साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाओ के लिए ग्राम पंचायत को ज़िम्मेदारी सौपी गयी है इस संबंध मे खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिये गए थे मेला तक सभी व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी।
रत्नेश मिश्रा