भारत सरकार की ओर से आज Kartarpur sahib करतारपुर साहिब कॉरिडोर गलियारे की आधारशिला रखी जाएगी। करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से इंटरनेशनल बॉर्डर तक किया जाएगा। सिख समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाएं इस गुरुद्वारे से जुड़ी हुई है जिस कारण यह कॉरिडोर सिख समुदाय के लोगों के लिए काफी खास है।
Kartarpur sahib : इसलिए खास है यह गुरुद्वारा
पाकिस्तान में भारत-पाक सीमा से लगभग तीन से चार किलोमीटर दूर करतारपुर साहिब गुरुद्वारा स्थित है। पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक पूजास्थल से रावी नदी के पार करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गुरुद्वारा 1522 में सिख गुरु ने स्थापित किया था। करतारपुर साहिब सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव का निवास स्थान था। जहाँ उन्होंने अपने जीवनकाल के 17 साल 5 महीने 9 दिन गुजारे थे।
कुएं का विशेष महत्व
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के अंदर एक कुआं स्थित है। कहा जाता है कि यह कुआं गुरु नानक देव जी के जमाने से स्थित है। इस कुएं के पानी को लेकर सिख धर्म के लोगों में काफी मान्यता है। कुएं के पास ही एक बम के टुकड़े को प्रशासन द्वारा शीशे में जड़वाकर रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बम का टुकड़ा 1971 में भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के दौरान गिरा था।
पाकिस्तान के नारोवाला जिले में
करतारपुर साहिब में ना सिर्फ गुरु नानक देव बल्कि उनके माता-पिता का इतिहास भी जुड़ा हुआ है। गुरु नानक के निवास के दौरान करतारपुर साहिब में ही उनका परिवार निवास करने लगा था। उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था। गुरु नानक देव और उनकी यादों को संजोया जा सके इसके लिए सिखों द्वारा इसी स्थान पर गुरुद्वारा बनाया गया। यह पाकिस्तान के नारोवाला जिले में स्थित है।