श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को जारी पेरोल आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि करीब 10.67 लाख सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से बाहर निकले थे, लेकिन फिर से इससे जुड़ गए। दरअसल, इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले दूसरे प्रतिष्ठानों में फिर शामिल हो गए। मंत्रालय ने कहा, उन्होंने अपने जमा पैसे को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ गई।
मंत्रालय ने कहा कि आज जारी किए गए पेरोल आकंड़ों में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि ईपीएफओ ने 2023 में 13.95 लाख सदस्य जोड़े हैं। चालू वित्त वर्ष के सदस्यों की संख्या में वृद्धि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में ज्यादा बनी हुई है। नए शामिल सदस्यों में 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 57.30 फीसदी है। यह दिखाता है कि देश के सगंठित क्षेत्र में कार्यबल में शामिल होने वाले ज्यादातर युवा हैं, जो पहली बार नौकरी कर रहे हैं।
इसने आगे कहा, पेरोल आंकड़े बताते हैं कि करीब 10.67 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले और फिर इससे जुड़ गए। वास्तव में इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल दी थी। लेकिन, ये सदस्य फिर ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में शामिल हो गए। इन सदस्यों ने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने जमा पैसे को स्थानांतरित (ट्रांसफर) करने का विकल्प चुना। इस प्रकार उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ गई।