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हफीज का कट सकता है पत्ता, एक महीने से मुफ्त में काम कर रहे थे, PCB अधिकारियों से की मुलाकात

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के डायरेक्टर मोहम्मद हफीज को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है। उन्हें पीसीबी से आगे कोई अनुबंध मिलने की संभावना नहीं है। हफीज को जका अशरफ के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रहते कॉन्ट्रैक्ट मिला था। हालांकि, कुछ दिन पहले जका अपना पद छोड़ गए और शाह खावर को पीसीबी का नया अध्यक्ष बनाया गया था। तब पाकिस्तान टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे पर थी। उस दौरे से लौटने के बाद हफीज ने अपने अनुबंध को बढ़ाने को लेकर लाहौर में बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष, चुनाव आयुक्त शाह खावर और मुख्य परिचालन अधिकारी सलमान नसीर से मुलाकात की।

हफीज के मुताबिक, पूर्व अध्यक्ष जका अशरफ ने उन्हें पाकिस्तान टीम के डायरेक्टर के रूप में एक महीने का अनुबंध इस आश्वासन पर दिया था कि उनका अनुबंध तीन साल तक बढ़ाया जाएगा, लेकिन जब टीम न्यूजीलैंड में थी तब अशरफ ने अनुबंध को बढ़ाने के लिए मंत्रालय के पास भेजा तो उन्होंने इस मामले पर रुकने को कहा। सूत्रों ने कहा कि जब हफीज स्वदेश लौटने के बाद खावर और नसीर से मिले तो उन्हें बताया गया कि उनके लंबे अनुबंध की मंत्रालय द्वारा समीक्षा की जा रही है, लेकिन उन्हें यह भी बताया गया कि मंत्रालय ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में उनके प्रदर्शन से खुश नहीं है।

पूर्व कप्तान को यह भी बताया गया कि मंत्रालय उन्हें कोई गारंटी नहीं दे सकता। दिलचस्प बात यह है कि हफीज का एक महीने का अनुबंध 15 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया में समाप्त हो गया था और वह बिना वेतन के काम करते रहे। सूत्रों के मुताबिक, हफीज ने नसीर को यह भी याद दिलाया कि दौरे से उनके बकाया का भुगतान किया जाना चाहिए, चाहे मंत्रालय कुछ भी निर्णय ले। सूत्रों के मुताबिक, हफीज ने टीम के डायरेक्टर के रूप में बने रहने में रुचि दिखाई, लेकिन उन्हें जो प्रतिक्रिया मिली वह बहुत उत्साहजनक नहीं थी।
पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में 3-0 से हार मिली और न्यूजीलैंड में टी20 सीरीज 4-1 से हार गई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नवनियुक्त कार्यवाहक अध्यक्ष शाह खावर ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय टीम के पिछले एक साल में मैदान पर खराब प्रदर्शन के लिए बोर्ड में लगातार हो रहे बदलाव जिम्मेदार नहीं हैं।

खावर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कई अन्य कारण जिम्मेदार रहे। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पिछले एक साल में बोर्ड में हुए बदलावों का टीम पर असर पड़ा है। यह एक मामूली कारण हो सकता है लेकिन इसके लिए अन्य अन्य कारक भी हैं। एक बार जब संचालकों के बोर्ड का गठन हो जायेगा और नया अध्यक्ष कार्यभार संभाल लेगा तो इस मामले को देखेगा।’ खावर ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड के मामलों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था। उन्होंने कहा- यह गलत धारणा है कि क्रिकेट मामलों में सरकार हस्तक्षेप करती है या वे फैसले ले रही हैं।

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